यूपी उपचुनाव में BSP की नई चाल से फंस जाएगी BJP, सपा और कांग्रेस? 10 सीटों पर की ये तैयारी
UP By Elections 2024: कौन किस पर पड़ेगा भारी, किसकी है क्या तैयारी?

UP By Elections 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों के लिए फिलहाल निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है लेकिन बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी है.
सपा ने 6 सीटों पर प्रभारी उतार दिए हैं तो वहीं बसपा भी पीछे नहीं है और उसने 4 सीटों पर प्रभारी-प्रत्याशी उतार दिए हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने इंडिया अलायंस को सहयोग करने की बात करते हुए सभी 10 सीटों पर पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी है. इसके साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 10 सीटों पर 30 मंत्रियों की तैनाती कर दी है. हर सीट पर बीजेपी की ओर से 3 मंत्री तैनात हैं.
विधानसभा में मौजूदा संख्याबल पर नजर डालें तो बसपा से सिर्फ 1 विधायक हैं. बसपा की पूरी कोशिश है कि इस उपचुनाव में वह इस संख्या को दहाई तक लेकर जाए. इसके लिए बसपा ने न सिर्फ सियासी समीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है बल्कि यह भी माना जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो ने जिनकों प्रभारी नियुक्त किया है, वही भविष्य में प्रत्याशी भी होंगे.
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चार सीटों पर बसपा के प्रभारी नियुक्त
बसपा की यूपी इकाई के अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने भी बीते दिनों मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की थी. बसपा यूपी चीफ ने कहा था कि हमारी पुरानी नीति के अनुसार पार्टी सुप्रीमो जिन्हें प्रभारी नियुक्त करती हैं वहीं भविष्य में प्रत्याशी भी होंगे.
बसपा ने अयोध्या स्थित मिल्कीपुर सीट से रामगोपाल कोरी को प्रभारी नियुक्त किया है. 2022 के चुनाव में भी कोरी ही बसपा प्रत्याशी थे. हालांकि वह तीसरे नंबर पर थे. वहीं अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से बसपा ने अमित वर्मा को प्रभारी बनाया है.
मीरजापुर की मझवां सीट से बसपा ने दीपू तिवारी और प्रयागराज की फूलपुर सीट से शिवबरन पासी को प्रभारी बनाया है. जिन चार सीटों पर बसपा ने प्रभारी उतारे हैं उसमें से दो, मिल्कीपुर और कटेहरी पर सपा और फूलपुर और मझवां से बीजेपी और उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी ने जीत हासिल की थी.
अंबेडकरनगर के कटेहरी में एक लाख से ज़्यादा दलित मतदाता हैं. 1993 से 2017 के बीच इस सीट पर बीएसपी ने पांच बार जीत दर्ज की है. इसी तरह अयोध्या के मिल्कीपुर में पासी (दलित) का दबदबा है. प्रयागराज के फूलपुर में किसी भी दूसरी सीट से ज़्यादा दलित मतदाता हैं.