यूपी के गोरखपुर में यह सड़क 44.85 करोड़ रुपए से होगी स्मार्ट
गोरखपुर में बढ़ता निवेश और विकास
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प्रदेश के शहरों में विकसित हो रहा बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर भविष्य की नगरीय जरूरत की पूर्ति करेगा, इससे न केवल बढ़ती शहरी आबादी को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी बल्कि शहर समृद्ध और विकसित होंगे, विकास के इस विजन को साकार करने के लिए प्रदेश के शहरों में स्मार्ट-सिटी मिशन चलाया जा रहा है।
गोरखपुर में बढ़ता निवेश और विकास
गोरखपुर में बसने की होड़
गोलघर में तीन सड़कों की लंबाई 4.46 किलोमीटर है। पूरे गोलघर के सुंदरीकरण के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने इन सड़कों को स्मार्ट बनाने का निर्णय लिया था। इसके बाद इन सड़कों को मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी (सीएम ग्रिड्स) योजना में शामिल कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। अस्थाई अतिक्रमण हटाकर सड़क बनाने के साथ ही पार्किंग, डक्ट व पैदल चलने वालों की सहूलियत के इंतजाम किए जाएंगे। कार्यदाई संस्था पांच साल तक सड़कों का रखरखाव भी करेगी। बंगलुरु और चेन्नई की तर्ज पर सड़कें बनेंगी। शिवाय होटल से अग्रसेन तिराहा विजय चौक होते हुए गणेश चौक तक की सड़क की लंबाई एक किलोमीटर 250 मीटर है। यह सड़क 15 मीटर चौड़ी है। कचहरी चौराहा से काली मंदिर चौक तक की सड़क की लंबाई 842 मीटर है। यह सड़क 28 मीटर चौड़ी है। शास्त्री चौक से आंबेडकर चौक होते हुए छात्रसंघ चौराहा तक, आंबेडकर चौक से हरिओम नगर तिराहा होते हुए ऐश्प्रा तिराहा तक और हरिओम नगर तिराहा से कचहरी चौराहा होते हुए टाउनहाल तक की सड़क की लंबाई दो किलोमीटर 270 मीटर है। यह सड़क 15 मीटर चौड़ी है। अब शासन ने इस प्रस्ताव को सहमति दे दी है। इससे पहले शाहपुर में सीएम ग्रिड्स में सड़क का निर्माण हो रहा है। 20 फरवरी को प्री बिड मिटिंग होगी। 11 मार्च को निविदा डालने और खोलने की अंतिम तिथि है। पूर्वांचल के सबसे तेजी से विकसित होते शहरों में से एक बनता जा रहा है, योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से गोरखपुर के साथ-साथ वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में भी विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है, इन शहरों में बेहतर सुरक्षा, साफ-सफाई और बढ़ती सुविधाओं के चलते लोग यहां बसने के लिए आकर्षित हो रहे हैं, विशेष रूप से गोरखपुर में बाहरी क्षेत्रों से आकर जमीन खरीदने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे शहर का रियल एस्टेट बाजार फल-फूल रहा है।