यूपी में इस रेल पुल की हो रही मरम्मत, इन ट्रेनों की रफ्तार हुई धीमी
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रेलवे नेटवर्क पर ब्लॉकिंग रेल पटरियों की अस्थायी बंदिश के कारण ट्रेनों की गति में कमी और देरी एक सामान्य घटना है. जो यात्रियों की सुविधा को प्रभावित करती है. हाल ही में रेल मार्ग पर मेगा ब्लॉक के कारण कई प्रमुख ट्रेनों की गति धीमी हो गई और वे घंटों देरी से चलीं.
गंगापुल पर चल रहा है मरम्मत का काम
ब्लॉकिंग का उद्देश्य रेलवे नेटवर्क के रखरखाव सुधार और उन्नयन के लिए आवश्यक कार्यों को अंजाम देना होता है. हालांकि इन कार्यों के दौरान ट्रेनों की गति में कमी और देरी होती है. जिससे यात्रियों को असुविधा होती है। मेगा ब्लॉक के कारण दर्जनभर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ. जिससे यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा. कानपुर-लखनऊ रेलमार्ग के डाउन ट्रैक पर आठ घंटे का ब्लॉक लिया गया. इस दौरान इस रूट के ऊपर से निकाले जा रहे गंगा एक्सप्रेस ब्रिज के गर्डर रखे गए. इस वजह से शताब्दी, लोकमान्य तिलक टर्मिनस सहित छह से अधिक ट्रेनें प्रभावित रहीं. ट्रेन के रुकते ही लखनऊ जाने वाले यात्री ट्रेन में बैठने लगे,
लेकिन जीआरपी व अनाउंसमेंट के जरिये उन्हें जानकारी दी गई कि ट्रेन रायबरेली, प्रतापगढ़ होकर लखनऊ पहुंचेगी. इससे यात्री रुक गए और ट्रेन पर बैठ चुके नीचे आ गए. इसके अलावा 64212 मेमू ट्रेन पांच घंटे देर से (दोपहर 12ः20 के बजाए शाम 05रू20 बजे) कानपुर से चली. इसी ट्रेन से लखनऊ जाने वाले यात्री गंतव्य तक पहुंचे. 15066 पनवेल एक्सप्रेस और 12103 पुणे एक्सप्रेस भी तीन घंटा देरी से चलीं. इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों में भी ब्लॉकिंग के कारण ट्रेनों की गति धीमी हुई जिससे जैसी ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ. इससे यात्रियों को देरी और असुविधा का सामना करना पड़ा.
आठ घंटे की ब्लॉकिंग से ट्रेनों की रफ्तार थमी
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि ब्लॉकिंग के कारण ट्रेनों की रफ्तार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जिससे यात्रियों की यात्रा अनुभव में कमी आती है. रेलवे प्रशासन को इस संबंध में उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि रखरखाव और सुधार कार्यों के दौरान यात्रियों को कम से कम असुविधा हो. गंगा एक्सप्रेसवे के इंजीनियर संजीव तिवारी ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के लिए कुल 18 स्टील गर्डर रेलवे ट्रैक के ऊपर से रखे जाने हैं. आने वाले दिनों में जैसे ही ब्लॉक मिलेगा अन्य गर्डर रखवाए जाएंगे। बुधवार को सुबह 10 से शाम छह बजे तक काम चला. रेलवे नेटवर्क पर ब्लॉकिंग ;रेल पटरियों की अस्थायी बंदिश के कारण ट्रेनों की गति में कमी और देरी एक सामान्य घटना है.
जो यात्रियों की सुविधा को प्रभावित करती है. उधर, इसी रूट पर सोनिक के पास स्थित ब्रिटिशकालीन बसहा पुल पर भी रेलवे ने मरम्मत कराई. इससे शाम छह बजे तक डाउन ट्रैक प्रभावित रहा। शाम 5ः23 बजे 12173 लोकामान्य तिलक एक्सप्रेस उन्नाव स्टेशन पहुंची. ब्लॉकिंग का उद्देश्य रेलवे नेटवर्क के रखरखाव. सुधार और उन्नयन के लिए आवश्यक कार्यों को अंजाम देना होता है. हालांकि इन कार्यों के दौरान ट्रेनों की गति में कमी और देरी होती है. जिससे यात्रियों को असुविधा होती है. मेगा ब्लॉक के कारण दर्जनभर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ. जिससे यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा.