यूपी में बिजनस करना होगा मुश्किल! योगी सरकार ला रही नया नियम
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उद्योगों को लेकर भी नया नियम ला रही सरकार
अब एक ही भूखंड पर आवासीय, दुकान और उद्योगिक निर्माण की अनुमति होगी. जिससे भूमि का अधिकतम उपयोग संभव होगा, आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित करने के लिए अब लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी. जिससे नागरिकों को सुविधा होगी, नई नीति से निवेशकों को भी लाभ होगा. क्योंकि वे कम भूमि पर अधिक निर्माण कर सकेंगे. जिससे लागत में कमी आएगी. घर में दुकान खोलने वालों को अब हर तरह के शोषण से मुक्ति मिल सकती है. राज्य सरकार 24 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय भूखंडों पर अब व्यावसायिक व अन्य तरह की गतिविधियों की अनुमति देने जा रही है. 45 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर अब गगनचुंबी बिल्डिंग को भी बनाया जा सकेगा. इसी तरह गांव के सात मीटर चौड़े मार्ग पर भी अब उद्योगों को लगाया जा सकेगा.
बढ़ती आबादी को देखते हुए आवासीय सहित अन्य गतिविधियों के लिए कम जमीन पर ज्यादा से ज्यादा निर्माण सुनिश्चित करने के मद्देनजर राज्य सरकार ने 18 वर्ष पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 के स्थान पर नए सिरे से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को तैयार किया है. नागरिक अपने घर के साथ.साथ व्यवसायिक गतिविधियाँ संचालित कर सकेंगे. जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. भूमि के सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव होगा. जिससे शहरीकरण में संतुलन बनेगा. सरल प्रक्रियाओं और सुविधाओं से निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा. जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
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यूपी में आवासीय भूखंड पर बना सकेंगे दुकान
प्रदेश सरकार उद्योगों के लिए नई नीति लेकर आई है. जिसका उद्देश्य निवेशकों को आकर्षित करना और औद्योगिक विकास को गति देना है. सरकार पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए भवन निर्माण नियमावली में बदलाव करने जा रही है. इसमें फ्लोर एरिया रेशियो ;एफएआर के मानकों को सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा. जिससे निवेशकों को भूमि का अधिकतम उपयोग करने में सुविधा होगी. उचित सुझावों को शामिल कर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उपविधि का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखेगा। माना जा रहा है कि अगले माह उपविधि को कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा. कम जगह में ज्यादा निर्माण किया जा सके, इसके लिए भू-आच्छादन व एफएआर(फ्लोर एरिया रेशियो) को जहां बढ़ाया जा रहा है वहीं सेटबैक को कम किया जाएगा.
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के माध्यम से सरकार भूखंड स्वामियों को भवन निर्माण को लेकर तमाम तरह की सहूलियतें देने जा रही है. उपविधि को लागू करने से पहले उस पर आपत्तियां व सुझाव मांगे जा रहे हैं. कोई भी व्यक्ति 15 दिनों में मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को लिखित तौर पर सुझाव दे सकता है. विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की अलग.अलग नियमावली के कारण होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार एकीकृत भवन निर्माण नियमावली तैयार करने जा रही है. इससे निवेशकों को एक समान मानकों के तहत कार्य करने में आसानी होगी. नई नीति के तहत एमएसएमई, कृषि आधारित और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की नई इकाइयों के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है. इससे इन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।