यूपी के यह बस अड्डे होंगे हाईटेक, यात्रियों को मिलेगी बेहतरीन सुविधा
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यूपी में राज्य सरकार ने बस सेवा की सफलता को लेकर महत्वपूर्ण विचार विमर्श किया है जिसमें उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए अपनी सेवाओं का विस्तार तथा आर्थिक स्थिरता हासिल किया है. इस बात पर जोर देते हुए कहा गया है कि बस सेवा सिर्फ यात्रियों की सुविधा नहीं दे रहा अपितु रोजगार, तकनीकी सुधार, ग्रामीण कनेक्टिविटी तथा आर्थिक समुदाय निहित करती है.
शहर में बनेगा हाईटेक बस अड्डा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में सफलता पाने की दिशा में परिवहन विभाग भी तीव्र गति से अपने कदम को आगे बढ़ा रहा है इसमें स्मार्ट बस अड्डा, प्रशिक्षित ड्राइवर, हाईटेक सिस्टम से परिवहन विभाग इसे और भी व्यापक स्तर से रफ्तार दे रहा है. इस दौरान शुक्रवार के दिन परिवहन निगम मुख्यालय में विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में इस लक्ष्य को विभाग की भूमिका विस्तृत चर्चा किया गया.

जिसमें परामर्शदाता संस्था डीलाइट ने प्रस्तुति देकर कहा है कि परिवहन तथा लॉजिस्टिक्स सेक्टर किस तरह प्रदेश के आर्थिक विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. इस मीटिंग की अगवाई करते हुए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया है कि प्रदेश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में परिवहन विभाग की भूमिका बेहद अति आवश्यक है अच्छी सड़क, सुरक्षित यात्रा, आधुनिक बस, सुविधाजनक बस अड्डा, प्रशिक्षित ड्राइवर के अंतर्गत केवल यात्री सुविधा ही नहीं बढ़ पाएंगे अपितु इससे आर्थिक ढांचों तथा गतिविधियों को नई गति मिल पाएगी.
जल्द बदल जाएगा सफर का रास्ता
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने भी दिशा निर्देश दिया है कि परिवहन ढांचे को और भी मजबूत किया जाए इस दौरान विशेष रूप से ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों में गुणवत्ता बनाए रखने तथा ग्रामीण शहर दोनों क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं सशक्त करने पर काफी जोर दिया गया है अब इस बैठक में कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया है इस दौरान शहरी परिवहन में लागू की जा रही स्मार्ट इंडिकेटर प्रणाली, ड्राइवर प्रशिक्षण के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रावधान एसओपी ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर डीटीसी की प्रगति तथा पीपीपी मॉडल पर बन रहा 23 आधुनिक बस स्टेशन की स्थिति शामिल किया गया है.
इस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा है कि प्रदेश में ट्रैफिक सुधार करने के लिए स्मार्ट इंडिकेटर प्रावधान का प्रारंभ पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की जाएगी इसे सफल होने पर राज्य भर में लागू करवाने के लिए सोचा जाएगा वही ड्राइवर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एसओपी तैयार करके विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में लागू किया जाएगा. अब सड़क सुरक्षा में सुधार तथा युवाओं के लिए रोजगार के लिए नए अवसर आसानी से मिल पाएंगे.