यूपी में इस रूट के फोरलेन का काम जल्द होगा शुरू, भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू

यूपी में इस रूट के फोरलेन का काम जल्द होगा शुरू, भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू
Barabanki Bahraich Highway Fourlane

बाराबंकी से बहराइच के बीच डिजिटल हाईवे तैयार किए जाने की तैयारी की गई है। इस योजना से लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। चार लेन के इस प्रस्तावित हाईवे पर आरामदायक सफर की तमाम सुविधाएं लोगों को दी जाएंगी। इस परियोजनों को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की मंजूरी मिल चुकी है।

नितिन गडकरी के इस प्लान से खुश हो जाएंगे आप

उत्तर प्रदेश में लोगों को बेहतरीन कनेक्टिविटी पर लगातार काम किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के विस्तार के बाद अब हाईवे को स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। प्रदेश के पहले डिजिटल हाईवे की प्लानिंग तैयार कर ली गई है। यूपी का पहला डिजिटल हाईवे बाराबंकी से बहराइच के बीच बनाए जाने की योजना बनाई गई है। बाराबंकी से बहराइच हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा रहा है। पहले चरण का कार्य शुरू करने के लिए मुस्तफाबाद, आदमपुर, झुकिया, रिठौरा व टपोसिया गांव में चिह्नित जमीन का अधिग्रहण होगा। यूपी का पहला डिजिटल हाईवे फोर लेन का होगा। इस हाईवे के किनारों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल को बिछाने की योजना बनाई गई है। प्रदेश में पहला डिजिटल हाईवे बनाने की प्रक्रिया को शुरू कराया जा रहा है। यह हाईवे कई मायनों में खास होगा। इस हाईवे के किनारे ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाए जाने से भविष्य में सड़क को खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस हाईवे को तैयार कराने के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इस परियोजना पर मार्च 2025 से निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। प्रदेश के पहले डिजिटल हाईवे को आधुनिक तकनीक और कनेक्टिविटी से लैस किया जाएगा। इसमें 24 घंटे नेटवर्क सुविधाए एनपीआर ;नेशनल परमिट रजिस्टर कैमरे और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। हाईवे पर सुरक्षा को सबसे अधिक प्रायोरिटी जाएगी। कोशिश यह रहेगी कि हाईवे पर दुर्घटनाओं को होने से रोका जाए। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज हो गई है। 15 दिनों में फेज वन के लिए मांगी गई सभी भूमि के लिए धारा 3ए का प्रकाशन हो जाएगा। उम्मीद है कि आगामी छह माह के अंदर परियोजना जमीन पर दिखने लगे। जरवल रोड से रुपईडीहा तक की सड़क को फोरलेन बनाने का प्रोजेक्ट अगले छह माह में जमीन पर दिखने लगेगा। यह कार्य दो चरणों में पूरा होगा। इसके पहले चरण में जरवल से झिंगहाघाट तक 64़.9 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। पहले चरण के लिए 55.84 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जबकि दूसरे चरण में 207 हेक्टेयर भूमि के लिए इसका प्रकाशन किया जाना है।

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बाराबंकी से बहराइच तक करिए डिजिटल हाईवे का सफर

रात के समय में रोड पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहने से लोगों को वाहनों को चलाने में आसानी होगी। डिजिटल हाईवे यात्रा को अधिक सुरक्षित और गाड़ियों की स्पीड को तेज करने में मदद करेगी। साथ हीए यह यात्रियों को आरामदायक सफर का भी आनंद प्रदान करेगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस सड़कों को डिजिटल हाईवे का नाम दिया गया है। डिजिटल हाईवे या सड़कें ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो टेक्नोलॉजीए डाटा और कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके नेटवर्क को बेहतर बनाती हैं। इसमें हाईवे की डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन पर फोकस होता है। डिजिटल हाईवे में सेफ यात्रा, फास्ट डिलिवरी और बेहतर यात्रा अनुभव मिलता है। प्रस्तावित बाराबंकी.बहराइच डिजिटल हाईवे आधुनक रोड सेफ्टी सिस्टम से लैस होगा। इसकी लाइटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लंबे डिजिटल हाईवे बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसकी शुरुआत दिल्ली,मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद,बेंगलुरु कॉरिडोर से हो चुकी है। बाराबंकी.बहराइच हाईवे को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। डिजिटल हाईवे के किनारे तीन मीटर चौड़ी जगह में डक्ट का निर्माण किया जाएगा। इसमें ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी। इससे मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बेहतरीन तरीके से लोगों को मिल सकेंगी। इसके लिए कंपनियों को निर्धारित शुल्क पर हाईवे की जमीन पट्टे पर दी जाएगी। पहले फेज के लिए जरवल से झिंगहाघाट तक 64़ 9 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए रास्ते में पड़ने वाले 66 गांवों से 262.14 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। जमीन लेने की प्रक्रिया 15 दिन में तेज हो जाएगी। इस परियोजना पर 5500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस दूरी में दो आरओबी का निर्माण होगा। इस तहसील के गांवों से कुल 207 हेक्टेअर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसी के साथ ही बाराबंकी जिले में आने वाली वन विभाग के स्वामित्व वाली 36 हेक्टेयर भूमि भी ली जाएगी। इसके बदले एनएचएआई ने 40 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को देने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण विभाग ने धारा तीन ए का प्रकाशन एक सप्ताह पहले ही कर दिया है, जबकि दूसरे चरण में कैसरगंज तहसील के 57 व महसी के चार गांवों की जमीन लिया जाना प्रस्तावित है। इसमें एक आरओबी चौकाघाट व दूसरा आरओबी शहावपुर को कनेक्ट करेगा। इसके साथ ही रामनगर, जरवल रोड, कैसरगंज के साथ दो अन्य स्थान पर बाईपास का निर्माण होगा।

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