यूपी में इस रूट के फोरलेन का काम जल्द होगा शुरू, भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू
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बाराबंकी से बहराइच के बीच डिजिटल हाईवे तैयार किए जाने की तैयारी की गई है। इस योजना से लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी। चार लेन के इस प्रस्तावित हाईवे पर आरामदायक सफर की तमाम सुविधाएं लोगों को दी जाएंगी। इस परियोजनों को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की मंजूरी मिल चुकी है।
नितिन गडकरी के इस प्लान से खुश हो जाएंगे आप
बाराबंकी से बहराइच तक करिए डिजिटल हाईवे का सफर
रात के समय में रोड पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहने से लोगों को वाहनों को चलाने में आसानी होगी। डिजिटल हाईवे यात्रा को अधिक सुरक्षित और गाड़ियों की स्पीड को तेज करने में मदद करेगी। साथ हीए यह यात्रियों को आरामदायक सफर का भी आनंद प्रदान करेगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस सड़कों को डिजिटल हाईवे का नाम दिया गया है। डिजिटल हाईवे या सड़कें ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो टेक्नोलॉजीए डाटा और कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके नेटवर्क को बेहतर बनाती हैं। इसमें हाईवे की डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन पर फोकस होता है। डिजिटल हाईवे में सेफ यात्रा, फास्ट डिलिवरी और बेहतर यात्रा अनुभव मिलता है। प्रस्तावित बाराबंकी.बहराइच डिजिटल हाईवे आधुनक रोड सेफ्टी सिस्टम से लैस होगा। इसकी लाइटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लंबे डिजिटल हाईवे बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसकी शुरुआत दिल्ली,मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद,बेंगलुरु कॉरिडोर से हो चुकी है। बाराबंकी.बहराइच हाईवे को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। डिजिटल हाईवे के किनारे तीन मीटर चौड़ी जगह में डक्ट का निर्माण किया जाएगा। इसमें ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी। इससे मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बेहतरीन तरीके से लोगों को मिल सकेंगी। इसके लिए कंपनियों को निर्धारित शुल्क पर हाईवे की जमीन पट्टे पर दी जाएगी। पहले फेज के लिए जरवल से झिंगहाघाट तक 64़ 9 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए रास्ते में पड़ने वाले 66 गांवों से 262.14 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। जमीन लेने की प्रक्रिया 15 दिन में तेज हो जाएगी। इस परियोजना पर 5500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस दूरी में दो आरओबी का निर्माण होगा। इस तहसील के गांवों से कुल 207 हेक्टेअर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसी के साथ ही बाराबंकी जिले में आने वाली वन विभाग के स्वामित्व वाली 36 हेक्टेयर भूमि भी ली जाएगी। इसके बदले एनएचएआई ने 40 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को देने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण विभाग ने धारा तीन ए का प्रकाशन एक सप्ताह पहले ही कर दिया है, जबकि दूसरे चरण में कैसरगंज तहसील के 57 व महसी के चार गांवों की जमीन लिया जाना प्रस्तावित है। इसमें एक आरओबी चौकाघाट व दूसरा आरओबी शहावपुर को कनेक्ट करेगा। इसके साथ ही रामनगर, जरवल रोड, कैसरगंज के साथ दो अन्य स्थान पर बाईपास का निर्माण होगा।