मुख्यमंत्री योगी ने इन 16 विकास परियोजनाओं की दी मंजूरी, देखें लिस्ट
.png)
हर बड़े शहर में विकास प्राधिकरण एवं प्लानिंग बोर्ड होने के बावजूद निचले इलाकों में कॉलोनियों को बढ़ावा मिल रहा है। इसके परिणामस्वरूप न सिर्फ नालियों का अतिक्रमण हो रहा है, बल्कि नदियों.नालों का प्राकृतिक बहाव भी संकरा और बाधित होता जा रहा है जिससे बारिश के दिनों में इन निचले इलाकों में पानी भर जाता है। जलभराव की सबसे विकट समस्या नवविकसित कॉलोनियों में है।
समस्या की रोकथाम के लिए ढांचागत सुधारों की आवश्यकता
स्मार्ट शहर बनाने की साहसिक पहल से जलभराव की समस्या से मिलेगी मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस साहसिक पहल की शुरुआत 2015 में की गई थी। इसके अंतर्गत पहले चरण में 2015 से 2020 तक 59 शहरों को स्मार्ट शहर बनाया जाना था, परंतु इस क्षेत्र में मात्र 30 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो सका है। यदि इन शहरों में कार्य की गति को तेज कर उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए तो काफी हद तक जलभराव की समस्या से मुक्ति मिलेगी। शर्त बस इतनी सी है कि इस संबंध में प्रयास गंभीरता से होने चाहिए। इनमें प्रमुख रूप से बैंक कॉलोनी, बंगला गांव व बसंत बहार क्षेत्र में इंटरलॉकिंग सड़कों व जल निकासी व्यवस्था का निर्माण शामिल है। मथुरा शहर में जलभराव व चोक नालियों को ठीक करने के लिए पांच परियोजनाओं चल रही हैं। इसमें मथुरा नगर निगम, मथुरा वृन्दावन, नगर पंचायत, गोवर्धन, राय व बल्देव शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य केवल सड़कों व नालियों का निर्माण करना ही नहीं, बल्कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करना भी है। इसी कड़ी में मुरादाबाद नगर निगम क्षेत्र में अधूरी नौ परियोजनाओं के लिए 65.416 लाख रुपये जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलभराव की समस्या न हो, इसके लिए अभी से आवश्यक प्रबंध किए जाने का निर्देश दिया है। सड़क व नाली निर्माण के कार्य समय से पूरे किए जाने के साथ ही स्वच्छता, पेयजल व अन्य नागरिक सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए 1.69 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि स्वीकृति की गई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से शहरी बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। बरसात के मौसम में महानगरों की स्थिति बद से बदतर हो जाती है। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण सड़कों, गलियों और कॉलोनियों में घंटों पानी भरा रहता है। ऐसे हालात में कामकाजी लोगों और स्कूली बच्चों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर लगने वाला जाम इस दौरान आम हो जाता है। जलभराव के कारण कई बार हादसे तक हो जाते हैं। क्षेत्र भी मानसून के दौरान जलभराव की विकट स्थिति का सामना करता है।