रोहित शर्मा पर ओवरवेट टिप्पणी: राजनीति और क्रिकेट को अलग रखना जरूरी
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रोहित शर्मा का रिकॉर्ड: जवाब उनके प्रदर्शन में है
हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद द्वारा रोहित शर्मा को "ओवरवेट" कहने और उनके कप्तान बनने पर सवाल उठाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। लेकिन अगर किसी भी क्रिकेटर की काबिलियत को तौला जाए, तो उसका पैमाना सिर्फ और सिर्फ उनका प्रदर्शन होना चाहिए, न कि उनका वजन। रोहित शर्मा ने अब तक 497 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और लगभग 20,000 रन बना चुके हैं। वनडे क्रिकेट में वह एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन बार दोहरा शतक लगाया है, जिनमें से उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 264 रन है। उनके नाम कुल 49 शतक और 107 अर्धशतक दर्ज हैं। ऐसे खिलाड़ी पर "ओवरवेट" होने के आधार पर सवाल उठाना क्या वाजिब है?
क्रिकेट फिटनेस पर नहीं, प्रदर्शन पर टिका होता है
यह आश्चर्यजनक है कि शमा मोहम्मद, जो खुद क्रिकेट से जुड़ी नहीं हैं, उन्होंने इस तरह की टिप्पणी की। एक क्रिकेटर का चयन उसके खेल कौशल के आधार पर होता है, न कि उसके शरीर के आकार पर। राजनीति से जुड़े लोगों को खेल के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना चाहिए, खासकर तब जब उनके पास खेल की कोई विशेषज्ञता न हो। अगर यही सिद्धांत अपनाया जाए, तो क्या क्रिकेटर्स भी नेताओं के टिकट बंटवारे पर सवाल उठा सकते हैं? यह साफ दर्शाता है कि हर क्षेत्र की अपनी विशेषज्ञता होती है और उसमें बाहरी हस्तक्षेप सही नहीं है।
क्रिकेट को राजनीति से दूर रखना जरूरी
इस पूरे विवाद को अब राजनीतिक रंग देने की भी कोशिश हो रही है, जहां कुछ नेता इस टिप्पणी का समर्थन कर रहे हैं और कुछ विरोध कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या हमें खेल को राजनीति से जोड़ना चाहिए? क्रिकेट देश का गर्व है, और इस पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने की बजाय हमें खिलाड़ियों की मेहनत और उपलब्धियों का सम्मान करना चाहिए।
रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणी न केवल अनुचित बल्कि अनावश्यक भी है। उनकी फिटनेस और कप्तानी पर सवाल उठाने वाले पहले उनके रिकॉर्ड और टीम को मिली उपलब्धियों को देखें। हर खिलाड़ी का मूल्यांकन उसके प्रदर्शन से होना चाहिए, न कि उसकी शारीरिक बनावट से। राजनीति और क्रिकेट को अलग रखना ही सबसे बेहतर विकल्प है, ताकि खेल अपनी गरिमा बनाए रख सके।