यूपी के इस जिले में बनेगा पहला रेल फ्लाईओवर
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प्रयागराज जिले का पहला रेलवे फ्लाईओवर
यूपी के प्रयागराज जिले में शहर का पहला रेल फ्लाईओवर दिसंबर माह के 2025 तक बनकर पूरा हो जाएगा. इस रेल फ्लाईओवर में 112 पिलर निर्माण ने अब रफ्तार पकड़ चुकी है. इस चौथी लाइन को प्रयागराज जंक्शन से बमरौली के बीच में बिछाई जा रही है. और यह फ्लाईओवर इधर से ही गुजरेगी. अब फ्लाईओवर सूबेदारगंज में स्थित उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के निकट दिल्ली और हावड़ा लाइन को क्रॉस करते हुए बमरौली स्टेशन से पहले समाप्त होगा.
प्रयागराज जंक्शन से बमरौली के बीच कम से कम बीच में 10 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन बिछाई जाएगी. अब रेल लाइन पर करीब करीब 3 किलोमीटर लंबा रेल फ्लाईओवर निर्माण किया जा रहा है. इस महाकुंभ की वजह से करीबन 5 माह तक रेल फ्लाईओवर का निर्माण रुक रहा है. लेकिन होली के बाद से देश के सबसे व्यस्त दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर ट्रेनों की लेटलतीफी काम करने के लिए अब रेल फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में गति पकड़ लिया है. लगभग 493 करोड रुपए से अधिक लागत से रेल फ्लाईओवर रेल ट्रैक और सड़क दोनों के ऊपर से गुजरने के लिए राशि बनाई गई है.
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शहर की यातायात व्यवस्था में होगा बड़ा फायदा
एक जानकारी के मुताबिक बताया गया इस फ्लाईओवर पर ट्रेनों का संचालन यात्रियों को मेट्रो की तर्ज पर हवा से उड़ाने जैसा अनुभव महसूस होगा. यह व्यवस्था ट्रेनों के समय पालन और परिचालन में महत्वपूर्ण सुधार करेगी. इस फ्लाईओवर के निर्माण में प्रयागराज जंक्शन पर और प्रयाग से आने वाले ट्रेन बिना ट्रैफिक के सुचारू रूप से संचालन किया जाएगा. इस रेलवे के योजना के अंतर्गत इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि लाखों श्रद्धालुओं के आवागमन में कोई बाधा न उत्पन्न हो पाए.
रेलवे मिशन रफ्तार इस फ्लाईओवर की अहम भूमिका निभायेगी. इस योजना के तहत दिल्ली हावड़ा रोड पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. इस निर्माण के दौरान प्रयागराज जंक्शन पर रामबाग एवं कई जिलों से आने वाले ट्रेन जो कानपुर की तरफ संचालन होती है उनके संचालन के दौरान जंक्शन के मुख्य लाइन पर ट्रैफिक बाधा उत्पन्न नहीं करेगा. इस मास्टर प्लान के दौरान आउटर पर भी ट्रेन नहीं फस पाएंगी. अब फ्लाईओवर निर्माण कार्य महाकुंभ के बाद लगातार गति ले चुका है. दिसंबर माह के अंतिम में यह निर्माण कार्य फाइनल हो जाएगा. अब इस निर्माण के बाद पहले के मुकाबले ट्रेनों का संचालन और ज्यादा सुलभ हो जाएगा.