582 करोड़ रुपए से यूपी के इस जिले में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर, इस वजह से कंपनी पर नोटिस जारी
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले राज्य में बिजली की क्या स्थिति थी ये सभी लोग जानते हैं, सरकार में आने के बाद से लोगों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, आजादी के बाद से 2005 तक जब उनलोगों की सरकार थी तो बिजली की बदतर स्थिति हो गयी थी।
स्मार्ट मीटर पर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक
लोगों को जागरूक करने का दिया निर्देश
शासन ने विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में मीटर लगाने आदेश दिए हैं। 31 मार्च तक विद्युत विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। शनिवार को केस्को प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन व निदेशक राकेश वार्ष्णेय के आवास पर 15 किलोवाट का स्मार्ट मीटर लगाया गया। अब इंजीनियरों और कर्मचारियों के आवास में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अभी तक विद्युत कर्मचारियों के बिजली उपभोग का कोई हिसाब नहीं रखा जाता है। स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर रही जीनस कंपनी को प्रतिदिन लगभग एक हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगााने हैं, लेकिन अभी मात्र 80 से 100 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लग पा रहे हैं। स्टाफ की कमी के चलते कंपनी लक्ष्य के अनुरूप स्मार्ट मीटर नहीं लगा पा रही है। मौजूदा समय में दो से 10 किलोवाट तक के 50 हजार मीटर आ चुके हैं, लेकिन इन मीटरों को लगाने के लिए कंपनी के पास स्टाफ ही नहीं है। लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं होने पर कंपनी को केस्को ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। साथ ही कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। केस्को एएमआइएसपी (एडवांस मीटरिंग इंफ्राटेक्चर सर्विस प्रोवाइडर) योजना में स्मार्ट मीटर लगा रहा है। इस योजना को पूरा करने के लिए केस्को 582 करोड़ रुपये बजट खर्च कर रहा है। स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं के साथ ही विभाग को भी बिजली खर्च का पूरा हिसाब मिलेगा। ऊर्जा विभाग के सचिव ने बताया कि स्मार्ट प्री.पेड मीटर के उपयोग करने पर राज्य सरकार द्वारा दी जानेवाली सब्सिडी के अलावे रिचार्ज कराने पर 3 प्रतिशत का वित्तीय लाभ मिलता है, उपभोक्ता दैनिक खपत एवं ऊर्जा शुल्क की राशि स्मार्ट मीटर में देख सकते हैं, स्मार्ट प्री.पेड मीटर के उपयोग से उपभोक्ता की मनःस्थिति में ऊर्जा खपत के प्रति हमेशा सजगता बनी रहती है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है।