यूपी के इस जिले में अब रोबोट साफ करेंगे शहर, जाने पूरी जानकारी
स्मार्ट सिटी मिशन के दूसरे फेज के लिए यह कार्ययोजना बनाई गई है
ऐसी मशीनों की कल्पना करें जो बिना किसी मानवीय मार्गदर्शन के स्वतंत्र रूप से चल सकती हैं, देख सकती हैं और काम कर सकती हैं .वे रोबोट हैं! वे सुपर स्मार्ट हेल्पर्स की तरह हैं जो काम पूरा करने के लिए निर्देशों का पालन कर सकते हैं।
एक सामान्य शहर स्मार्ट सिटी में बदला
रोबोट इंसानों, जानवरों या सिर्फ़ चलते-फिरते हिस्सों जैसे दिख सकते हैं। वे छोटे हो सकते हैं, जैसे सर्जरी में मदद करने वाले छोटे रोबोट या बड़े और मज़बूत जैसे कार बनाने के लिए फ़ैक्टरियों में मदद करने वाले रोबोट विज्ञान का वरदान पूरी दुनिया को लाभ पहुंचा रहा है। 2015 में सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश के 100 शहरों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था। इस मिशन का उद्देश्य इन शहरों के प्रतिकृति मॉडल बनाना भी है जो देश के अन्य शहरों को स्मार्ट बनने के लिए प्रेरित कर सकें। स्मार्ट सिटी मिशन शहरी क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में समाजों को मदद करता है।यूपी के बरेली शहर की गलियों में कुछ समय बाद रोबोट सफाई करते नजर आएंगे। स्मार्ट सिटी मिशन के दूसरे फेज के लिए यह कार्ययोजना बनाई गई है। इस फेज में शहर में स्वच्छता पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। यूपी के बरेली में स्मार्ट सिटी मिशन के दूसरे फेज के लिए प्रदेश के सिर्फ दो शहर बरेली और आगरा का चयन हुआ है। वजह ये है कि इन्हीं दो शहरों पहले फेज के सभी काम पूरे हुए हैं। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, झांसी, सहारनपुर, अलीगढ़ और मुरादाबाद में काफी काम अधूरे पड़े हैं। बरेली में फेज टू की कार्ययोजना एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन ( इंटिग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट) पर भी आधारित है। इसमें शहर के 80 वार्डों में पहले उन 33 वार्डों को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य तय किया गया है जो शहर के बाहरी हिस्से में हैं। रोबोट सिर्फ़ फ़ैक्टरियों और उद्योगों तक ही सीमित नहीं हैं। उदाहरण के लिए वे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। कुछ रोबोट समुद्र की गहराईयों की खोज कर रहे हैं, ऐसी जगहों पर पहुँच रहे हैं जहाँ इंसान नहीं जा सकते। दूसरे बाहरी अंतरिक्ष में जाकर अंतरिक्ष अन्वेषण में सहायता कर रहे हैं।
मानव श्रमिकों के लिए कम जोखिम रोबोट
हमारे पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि रोबोट जीवन को आसान बनाते हैं लेकिन हमें चुनौतीपूर्ण पहलुओं के बारे में भी सोचना चाहिए। सेंसर और कैमरों से लैस रोबोट वास्तविक समय में बहुत अधिक मात्रा में डेटा एकत्र कर सकते हैं। यह डेटा प्रक्रियाओं की निगरानी और सुधार समस्याओं की पहचान करने और सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। स्मार्ट सिटी टू प्रोजेक्ट की योजना तैयार कर ली गई है। इसमें सफाई पर जोर होगा और इसके लिए रोबोट समेत कई आधुनिक उपकरणों की खरीदारी की जाएगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के दूसरे फेज के तहत 135 करोड़ की लागत से बाहरी वार्डों को स्मार्ट बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है।
प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए पहले चरण में 39 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों का सहयोग लेने की भी योजना है। इस रोबोट में चार ऐसे कैमरे होंगे जो पानी के अंदर भी काम करेंगे। रोबोट नाले की सफाई कर गंदगी बाहर लाने के साथ, कूड़े को वाहन में लोड करने और बिखरे कूड़े को इकट्ठा करने में भी सक्षम होगा। ये रोबोट कचरा उठाते हुए धूल का न्यूनतम प्रसार करते हैं, इससे आसपास किसी को असुविधा नहीं होती। स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक गलियों की सफाई के लिए इस कार्ययोजना के तहत छोटे आकार के रोबोट खरीदे जाएंगे जो कंप्यूटरीकृत प्रणाली पर आधारित होंगे और रिमोट से चलाए जा सकेंगे।