यूपी के सभी जिलों की आई रैंकिंग, देखें आपका जिला किस नंबर पर
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विकास किसी भी राज्य या देश की प्रगति का मापक होता है. जब बात जिलों की हो, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन यहीं से शुरू होता है. हाल ही में तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न जिलों में विकास कार्यों की गति और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय अंतर देखा गया है. यह रिपोर्ट बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, और रोजगार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में की गई पहल के आधार पर तैयार की गई है.
अंतिम पांच में महाकुंभ वाला प्रयागराज भी शामिल
विकास कार्यों में अग्रणी रहे हैं. इन जिलों में स्मार्ट सिटी योजनाएं, स्वच्छता अभियान, डिजिटल सेवाओं का विस्तार और स्वरोजगार के अवसरों को प्रमुखता से लागू किया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 75 जिलों में विकास कार्य कराने के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की जाती है. सीएम डैशबोर्ड की पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 की रैंकिंग में पहली बार हमीरपुर अव्वल है. हमीरपुर ने 97.50 प्रतिशत अंक पाकर पहला स्थान पाया। इससे थोड़ा पीछे रह कर जालौन ने 97.40 अंक पाए हैं.
इस रैंकिंग में प्रतापगढ़ सबसे निचले पायदान पर है. मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की परियोजनाओं के अंतर्गत आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक के तहत राइट ऑफ वे, पेट्रोल पंपों का सत्यापन मुद्रांकन, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना, औषधि विक्रय लाइसेंस, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नमूनों का संकलन, एनएफएसए ईपीडीएस लाभार्थी, गेहूं खरीद योजना, परिवहन ट्रेड सर्टिफिकेट जारी करना, एलओआई के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, राज्य कर लक्ष्य के सापेक्ष प्रवर्त कृषि भूमि से गैर कृषि, अधिवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, रबी खरीफ व जायद ई-खसरा, एकीकृत आपदा राहत प्रबंधन, एंटी भू-माफिया, जाति प्रमाण पत्र, धारा-98, भू-आवंटन पट्टा, मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष प्रमुख हैं.
यूपी के जिलों की रैंकिंग आई
इस तरह पांच बाटम जिलों में प्रयागराज, उन्नाव, हरदोई, औरया व प्रतापगढ़ जिले आते हैं. हमीरपुर के जिलाधिकारी घनश्याम मीना का कहना है कि जिले को प्रदेश स्तर पर प्राप्त हुई इस सम्मानजनक स्थिति में लाने के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसी प्रकार से सभी संबंधित विभागों के अधिकारी कर्मचारी अपनी विभागीय योजनाओं व कार्यों को अच्छे ढंग से धरातल पर क्रियान्वित करते हुए जनपद को प्रदेश में सर्वोच्च स्थान पर बनाए रखा जाए. रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन जिलों में जिलाधिकारी और स्थानीय प्रशासन ने सक्रिय भूमिका निभाई है, वहां विकास कार्य तेज़ी से हुए हैं.
स्थानीय नेतृत्व की सक्रियता ही योजनाओं की सफलता की कुंजी रही है. यह रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा करती है कि विकास के लिए केवल योजना बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसका प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी आवश्यक है. प्रत्येक जिले की जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए एक लचीली और भागीदारी आधारित नीति अपनाना समय की मांग है. यह भी ज़रूरी है कि पिछड़े जिलों को विशेष सहायता दी जाए, ताकि समग्र विकास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके.