UP में बारिश का संकट: 29 जिलों में सूखे जैसे हालात, देवरिया सबसे प्रभावित, किसानों की बढ़ी मुश्किलें
यूपी में सूखा संकट, 29 जिले प्रभावित
1.png)
प्रदेश के 29 जिलों में अभी तक बारिश नहीं हो रही है। देवरिया और पूर्वांचल के 13 जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। बारिश न होने से खरीफ फसल की पैदावार पर असर पड़ने का डर है। मौसम की इस बेरुखी को देखते हुए कृषि विभाग काफी चिंतित है। अब सिंचाई और बिजली विभाग से मदद मांगी गई है ताकि खेतों में पानी पहुंचाया जा सके।
प्रदेश में इस बार धान की नर्सरी तो 99 फीसदी तक तैयार हो गई है, लेकिन खेतों में पानी न होने के कारण सिर्फ 65 फीसदी ही रोपाई हो सकी है। मक्का 62 फीसदी, बाजरा 32 फीसदी, अरहर 52 फीसदी, मूंगफली 31 फीसदी और तिल 54 फीसदी ही बोया जा सका है।
जौनपुर के किसान जमुना प्रसाद कहते हैं कि बारिश न होने की वजह से वे 10 बीघे की जगह सिर्फ 2 बीघे में ही धान की रोपाई कर पाए हैं। उनके गांव में ट्रांसफार्मर भी खराब पड़ा है। आजमगढ़ के ढेमा गांव के किसान विश्व विजय सिंह भी शिकायत करते हैं कि नहरों में अब तक पानी नहीं आया है। देवरिया के मनीष सिंह बताते हैं कि उनके खेतों में तो धूल उड़ रही है। बादल तो दिखते ही नहीं और नहरों में भी पानी नहीं मिल पा रहा। इसी वजह से ज़्यादातर खेत अभी भी खाली हैं।
.png)
कई जिलों में भारी कमी
प्रदेश में बारिश की स्थिति अलग-अलग जिलों में काफी भिन्न है। अभी तक 16 जिलों में सामान्य से ज्यादा यानी 120 फीसदी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। 18 जिलों में बारिश सामान्य रही है, जो 80 से 120 फीसदी के बीच है। वहीं, 12 जिलों में बारिश सामान्य से कम यानी 60 से 80 फीसदी के बीच हुई है। 13 जिलों में बारिश अत्यधिक कम रही है, जहां केवल 40 से 60 फीसदी तक बारिश हुई है। सबसे खराब स्थिति उन 16 जिलों की है, जहां बारिश 40 फीसदी से भी कम दर्ज की गई है।
पूर्वांचल से नाराज़ हैं बादल
प्रदेश के 16 जिलों में अब तक बहुत कम बारिश हुई है, सिर्फ 40 फीसदी से भी कम। इनमें से आठ जिले पूर्वांचल के हैं। इन इलाकों को अब सूखे की स्थिति के करीब माना जा रहा है। अगर 31 जुलाई तक बारिश औसत के पास नहीं पहुंची, तो सरकार इन्हें सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की तैयारी शुरू कर सकती है। इन जिलों में देवरिया की स्थिति सबसे खराब है।
सबसे कम बारिश वाले जिले
प्रदेश में कुछ जिलों में अब तक बेहद कम बारिश हुई है। देवरिया में सबसे कम, केवल 6.5 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर में 13.2 फीसदी, कुशीनगर में 20.4 फीसदी, शामली में 21.1 फीसदी और संत कबीरनगर में 23.2 फीसदी बारिश हुई है। इन जिलों की स्थिति काफी चिंताजनक मानी जा रही है।
सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले
प्रदेश में कुछ जिलों में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हुई है। ललितपुर में सबसे अधिक 242 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा बांदा में 234 फीसदी, चित्रकूट में 201 फीसदी, हमीरपुर में 198 फीसदी और महोबा में 197 फीसदी बारिश हुई है। इन जिलों में बारिश औसत से कई गुना ज्यादा रही है।
वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून कमजोर पड़ा है। इसके कई कारण हैं—कहीं हवा की दिशा में बदलाव है तो कहीं नमी ज्यादा है। जिन जिलों में बारिश 40 फीसदी से भी कम हुई है, वहां हालात सुधरेंगे या नहीं, इस पर अभी कुछ कहना मुश्किल है। हालांकि कई जिलों में अच्छी बारिश भी हुई है।
किसानों को राहत देने की कोशिश
जहां बारिश कम हुई है, वहां किसानों को मदद देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। कम बारिश वाली फसलों जैसे बाजरा के बीज पर सरकार सब्सिडी दे रही है। नहर विभाग को लगातार पानी पहुंचाने और बिजली विभाग को किसानों को पर्याप्त बिजली देने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार 31 जुलाई तक हालात का इंतजार करेगी, इसके बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।
ताजा खबरें
About The Author

हर्ष शर्मा उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक युवा डिजिटल पत्रकार हैं। उन्होंने Inkhabar, Expose India और Times Bull जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट में काम किया है। SEO फ्रेंडली लेखन और डिजिटल न्यूज प्रोडक्शन में अनुभव रखते हैं। वर्तमान में भारतीय बस्ती में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।