यूपी में दो एक्सप्रेसवे कनेक्ट करने की तैयारी, घटेगा यात्रा का समय
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यूपी में राज्य सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से एक्सप्रेसवे और सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए हर स्तर से प्रयासरत है ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तथा यमुना एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने के लिए इंटरचेंज का निर्माण जल्द से जल्द प्रारंभ किया जाएगा जिसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एनसीआरईपी प्राइवेट लिमिटेड को चयनित किया गया है.
दोनों एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने के लिए कार्य में तेजी
देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने विकास परियोजनाओं के माध्यम से आम जनमानस और यात्रियों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रयासों के माध्यम से निष्पक्ष रूप से कार्य कर रही है इस दौरान ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तथा यमुना एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने की दिशा में इंटरचेंज का निर्माण कार्य लगभग एक महीने में प्रारंभ करवा दिया जाएगा इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एनएचआईए ने इंटरचेंज निर्माण की दिशा में एनसीआरईपी प्राइवेट लिमिटेड को ध्यान पूर्वक और जिम्मेदारी से चुना गया है.
अब इंटरचेंज के निर्माण के दौरान में 223 करोड रुपए की लागत से निर्माण कार्य करवाने की तैयारी है अभी 1 साल में इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इंटरचेंज निर्माण होने के बाद हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिलों के बीच आने जाने वाले यात्रियों को सम होने के साथ-साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बहुत आसान और समय का यात्रा घट जाएगा. अब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर 0.10 से 10 किलोमीटर पर दोनों एक्सप्रेस वे तक दूसरे को क्रॉस करते हुए गुजर रहा है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और हरियाणा के जिलों की सीधे-सीधे कनेक्टिविटी के लिए दोनों एक्सप्रेसवे पर कनेक्ट करने के लिए इंटरचेंज का निर्माण करने का फैसला लिया गया था.
जानिए कब तक निर्माण कार्य तय होगा
इस निर्माण कार्य को लेकर इंटरचेंज निर्माण के लिए 2019 में राजधानी दिल्ली की देव एस कंपनी को ठेका दिया गया था जिसमें उसे वक्त इंटरचेंज निर्माण की कुल लागत 75 करोड रुपए की राशि थी लेकिन अब जमीन न मिलने की वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है इसी बीच किसानों ने बातचीत के बाद ही जमीन पर सहमति बनने तक इंटरचेंज की लागत बढ़कर 220 करोड रुपए की लागत से अधिक हो गई है लेकिन प्राधिकरण तथा कंपनी के बीच इस पर सहमति न बनने के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. भूतकाल समय में 2023 में तत्कालीन मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था लेकिन कार्य आगे नहीं बढ़ पाया.
इस साल अप्रैल माह में प्रदेश कैबिनेट से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इंटरचेंज निर्माण की जिम्मेदारी सौंपने पर मोहर लगा दी गई है. अब इसके साथ-साथ इंटरचेंज निर्माण का रास्ता बिल्कुल साफ हो चुका है भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निर्माण कार्य को लेकर एनसीआरईपी प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया है जिसमें 2026 में इंटरचेंज बनकर तैयार किया जाएगा. इससे स्पष्ट रूप से साफ है कि एयरपोर्ट के प्रारंभ होने तक इंटरचेंज का निर्माण नहीं हो पाएगा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक अरविंद सिंह ने बताया है कि इंटरचेंज निर्माण के लिए कंपनी का चयन आसानी से कर लिया गया है एक माह में कार्य प्रारंभ हो जाएगा.