यूपी के इस Expressway को लेकर भूमि अधिग्रहण का काम होगा जल्द शुरू, इन जिलों से आने वाले लोगों को मिलेगा फायदा

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने पिछले साल अक्टूबर में शासन को लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था

यूपी के इस Expressway को लेकर भूमि अधिग्रहण का काम होगा जल्द शुरू, इन जिलों से आने वाले लोगों को मिलेगा फायदा
यूपी के इस Expressway को लेकर भूमि अधिग्रहण का काम होगा जल्द शुरू, इन जिलों से आने वाले लोगों को मिलेगा फायदा

उत्तर प्रदेश में स्थित आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है। इस लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई 49.8 किलोमीटर होगी, और इसके निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। यह महत्वपूर्ण परियोजना पिछले साल सितंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में स्वीकृत की गई थी। 

इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होगा और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना न केवल आगरा और लखनऊ के बीच यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि पूर्वांचल क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार की ओर से इस परियोजना को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को लाभ होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने पिछले साल अक्टूबर में शासन को लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। यह महत्वाकांक्षी परियोजना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बहरू से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के महुराकलां तक फैलेगी। इसे "प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे" के नाम से जाना जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के परिवहन नेटवर्क को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

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मेसर्स एमएस पार्क फ्यूचरिस्टिक कंपनी को एक महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है, जिसमें उन्हें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करनी है। इस परियोजना के तहत बनने वाले लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से पूर्वांचल से लखनऊ आने वाले यात्रियों को काफी सुविधाएं मिलेगी। 

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इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दोनों क्षेत्रों के मध्य की यात्रा का समय लगभग 2 घंटे कम हो जाएगा। सिर्फ यही नहीं, बल्कि बिहार और पूर्वांचल से लखनऊ होते हुए दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

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पूर्वांचल से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को वर्तमान में लखनऊ से होकर गुजरना पड़ता है, जो यात्रा को लंबा और थकाऊ बना देता है। हाल ही में शासन ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आदेश घोषित किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि "भूमि अधिग्रहण के लिए जो राशि निर्धारित की गई है, वह सीधे जिलाधिकारी लखनऊ के खाते में जमा की जाएगी।"

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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत और अधिक इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया को तेज करें। इस योजना के तहत, यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवाएं प्राप्त होंगी, जिससे उनकी यात्रा का अनुभव और भी सुखद हो सकेगा।

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पूर्व से कार्यरत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की विस्तृत सूची जिला स्तर पर उपलब्ध कराने की मांग की गई है। स्थानीय किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आमदनी में वृद्धि होगी। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा।

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समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 15 हजार नई इकाइयों की स्थापना की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में 14 कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर भी स्थापित किए गए हैं। इन सेंटरों का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सूक्ष्म खाद्य उद्योगों की स्थापना में मदद करना है। योजना के अनुसार, प्रत्येक जिले में रिसोर्स पर्सन नियुक्त किए जाएंगे, जो महिलाओं को समूहों से जोड़ने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने का कार्य करेंगे। इस पहल से न केवल महिलाओं को सशक्त किया जाएगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर खाद्य उद्योगों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

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