यूपी के इस जिले में रेलवे विभाग ने तोड़ी कई दुकानें, मंत्रालय से लगाई गुहार

यूपी के इस जिले में रेलवे विभाग ने तोड़ी कई दुकानें, मंत्रालय से लगाई गुहार
Uttar Pradesh News

यूपी में औद्योगिक स्मार्ट सिटी देश की निर्माण क्षमता रोजगार सृजन तथा क्षेत्रीय विकास को नई दिशा के रूप में उभर रही है. सड़क नेटवर्क को लेकर बड़े-बड़े औद्योगिक हब के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. जिसमें वैश्विक मानकों की औद्योगिक सुविधा भी प्रदान की जाएगी. आज पूरे प्रदेश में सड़क नेटवर्क को अधिक से अधिक मजबूत किया जा रहा है. 

दुकानदारों की रोजी-रोटी में पसरा मातम

यूपी के गोरखपुर जिले में असुरन और मोहद्दीपुर फोरलेन के रेलवे की 14 दुकान विभिन्न कर्ण की वजह से तोड़ दी गई है जिसमें बिछिया स्थित पीएसी कैंप के सामने सन 1970 से संचालित हो रही दुकान अब पूरी तरीके से तोड़ दिया गया है इसमें दुकानदार ही नहीं उनसे जुड़े दर्जनों लोग सड़क पर आ चुके हैं जिससे वर्तमान समय में रोजी-रोटी का संकट सर पर मंडरा रहा है.

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इस दौरान असुरन और मोहद्दीपुर फोरलेन की जद में रेलवे की दर्जन दुकान अब सामने पड़ चुकी है जिसको लेकर कार्रवाई कर दिया गया है असुरन चौराहे के पास वाली दुकान पहले ही तोड़ दी गई थी बिछिया के सामने वाली दुकान अभी नहीं टूटी थी मामला रेल मंत्रालय तक पहुंचाने के बाद दुकानदारों को यह आश्वासन दिया गया था कि अब दुकान नहीं तोड़ी जाएंगी लेकिन रेलवे प्रशासन ने बीते 9 जुलाई को दुकानदार को दुकान खाली करने का नोटिस जारी करने का फैसला ले लिया.

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स्थानीय और दुकानदारों में मानसिक पीड़ा

अब इस कार्रवाई के दौरान दुकानदारों के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है सैलून की दुकान संचालित करने वाले महेंद्र प्रताप ने कहा है कि 1965 से 1966 तक उनके पिता ने यहां पर पाकड़ का पेड़ लगाया था जो आज के समय में सब को छाया दे रहा है मोटर पार्ट्स की दुकान को संचालित करने वाले संजीव कुमार सिंह तथा फोटो कॉपी की दुकान संचालित करने वाले राजेश से विश्वकर्मा ने बताया है कि रोजी-रोटी का संकट अब आन पड़ा है.

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जिसमें रेलवे प्रशासन तथा रेल मंत्री से भी गुहार और अपील करने के बावजूद भी इन दुकानों को तोड़ दी गई है मैत्रीपूर्ण के पार्षद विवेक कुमार मिश्रा ने बताया है कि दुकान बिना टूटे भी सड़क चौड़ी की जा सकती थी लेकिन रेलवे प्रशासन ने दुकानों को पूर्ण रूप से निर्णय लेकर तोड़ दिया है दुकानदार अब सड़क पर आ चुके हैं. अब इस कार्रवाई से दुकानदार और स्थानीय लोगों में आक्रोश का वातावरण बन चुका है उनका कहना है कि अब हमारा परिवार है पूर्ण रूप से बिखर चुका है अब हम क्या करेंगे और कहां जाएंगे इसकी कौन चिंता करेगा और किसकी जिम्मेदारी होगी.

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