यूपी के इस जिले में नक्शा पास कराने के लिए नहीं जाना होगा कलेक्ट्रेट ऑफिस, इस तरह होगा पास

उत्तर प्रदेश में स्थित गाजियाबाद से मकान निर्माण से संबंधित एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। आगामी अप्रैल महीने से, भवन के नक्शे को स्वीकृत कराने के लिए नागरिकों को कलेक्ट्रेट का दौरा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस नई व्यवस्था के तहत, सभी आवश्यक दस्तावेज अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में सीधे जमा किए जाएंगे।
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गाजियाबाद में एक नई पहल के तहत, कलेक्ट्रेट में रखे गए सभी दस्तावेज अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में स्थानांतरित किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए जीडीए ने एक विशेष टीम का गठन किया है, जिसमें लगभग 8 सदस्य शामिल हैं।
इस कार्य के लिए कलेक्ट्रेट में एक अत्याधुनिक स्कैनर मशीन स्थापित की गई है, जिसके माध्यम से सभी मूल कागजात को स्कैन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया मार्च के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद, लोगों को नक्शे के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस नई व्यवस्था से न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि नक्शे के अनुमोदन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
गौतम बुद्ध नगर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की योजना के तहत नक्शा पास कराने के लिए आवेदन करने पर आवेदकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जब कोई व्यक्ति नक्शा पास कराने के लिए आवेदन करता है, तो जीडीए के मास्टरप्लान के इंजीनियर उसे जमीन के स्वामित्व और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को कलेक्ट्रेट से लाने के लिए कहते हैं।
इस प्रक्रिया में आवेदक कई दिनों तक तहसील के चक्कर लगाते रहते हैं। वहां पर उन्हें दस्तावेज हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। जब अंततः उन्हें कागजात मिलते हैं, तो वे उन्हें लेकर जीडीए में जमा करने के लिए जाते हैं। यह पूरा काम करने में कई बार 15 से 20 दिन का समय लग जाता है, जिससे नक्शा पास होने की प्रक्रिया में देरी होती है।
मानचित्र समाधान दिवस के दौरान एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया। मास्टरप्लान के इंजीनियर ने जानकारी दी कि आवेदक द्वारा कलेक्ट्रेट से संबंधित आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए गए हैं, जिसके कारण नक्शा पास करने में देरी हो रही है। इस स्थिति पर जीडीए के उपाध्यक्ष ने जिला अधिकारी से चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि जीडीए योजना के अंतर्गत आने वाली भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों को स्कैन करके एक प्रति जीडीए कार्यालय में रखी जाए।
इस नई व्यवस्था से नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया में जनता को कम समय लगेगा। जिला अधिकारी की अनुमति मिलने के बाद, संबंधित स्थान पर एक टीम तैनात कर दी गई है, जो कागजात को स्कैन करने का कार्य प्रारंभ कर चुकी है। जीडीए ने कलेक्ट्रेट में दस्तावेजों को स्कैन करने के लिए आवश्यक मशीनें स्थापित की हैं और इसके लिए स्टाफ भी नियुक्त किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी कागजात को स्कैन किया जाएगा और उन्हें जीडीए कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा।
इस पहल के चलते आम नागरिकों को अब कलेक्ट्रेट जाकर कागजात जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस प्रक्रिया के सरल और तेज होने से नक्शा पास करने में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। यह कदम न केवल जनता की सुविधा के लिए है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली को भी अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।