यूपी से बिहार की दूरी होगी कम, इस जिले को मिलेगी जल्द खुशखबरी
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बिहार यातायात को सुगम बनाने के लिए इन पीपा पुल के निर्माण को मंजूरी दी गई है, इनके निर्माण के बाद पांच वर्षों तक इनकी स्थापना, रख.रखाव, इन्हें खोलने और वापस लगाने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
बनेंगे पीपा पुल, सरकार ने दी मंजूरी
पुल होने से अकाल मौत पर भी ब्रेक
दोपहिया व चार पहिया वाहनों का आवागमन शुरू होने से यूपी और बिहार के कई जिलों के बीच लगभग आठ माह से बंद पड़ा सड़क मार्ग चालू हो जाएगा। पीपा पुल के अभाव में भोजपुर जिला के साथ साथ उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाते हैं। पुल पर आवागमन शुरू होने से कम समय के साथ कम खर्च पर बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ लेने लगते हैं। वहीं पुल होने से अकाल मौत पर भी ब्रेक लग जाता है। पुल में छाए अंधेरे के बीच अक्सर जाम भी लग जाता है। शुक्रवार की देर शाम भी यहां लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ा। पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण जाम में वाहन चालक अपनी गाड़ी पीछे करने में अपनी तौहीन ही समझते हैं। ऐसे में जाम में फंसने वाले वाहनों की संख्या बढ़ती चली जाती है। हरिहर क्षेत्र मेले अवधि तक तो यह पुल तरह-तरह के बल्बों की रोशनी में नहाई रहती है। उसके बाद फिर यहां अंधेरा कायम हो जाता है। पहले दिन दो से चार पीपा जोड़े गए हैं। इस बार लगभग 60 पीपा जोड़ा जाएगा। पीपा पुल चालू होने के बाद खवासपुर पंचायत समेत बिहार और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लोगों का रोजाना आवागमन शुरू हो जाएगा। ठेकेदार को पांच वर्षों के लिए शुक्रवार को ही टेंडर का आवंटन हुआ था। टास के द्वारा फैसला होने के बाद ठेकेदार ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के कार्यपालक अभियंता द्वारा मिले कड़े निर्देश के बाद शनिवार से पीपा जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया। पीपा जोड़ने का कार्य ठेकेदार द्वारा शुरू किए जाने के साथ लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लंबी प्रतीक्षा के चार माह बाद पीपा पुल का निर्माण एक बार फिर से शुरू हो गया है। पीपा पुल के शुरू हो जाने के बाद बिहार से यूपी जाने वाले लोगों का सफर भी आसान हो जाएगा। साथ ही समय की भी बचत होगी।