कैसे यूपी का एक ठेले वाला बना ISI का आतंकवादी?

कैसे यूपी का एक ठेले वाला बना ISI का आतंकवादी?
How did a street vendor from UP become an ISI terrorist?

एक वक्त था जब वह कैराना की गलियों में अपने पिता के साथ केले की ठेली लगाया करता था। एक मामूली लड़का, जिसके सपने आम लोगों जैसे थे – मेहनत कर परिवार पालना, कुछ कमाना। लेकिन वक्त बदला, सोच बदली और वही लड़का आज पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशों की जड़ बन गया। नाम है – इकबाल कान्हा, जो अब भारत का दुश्मन और आईएसआई का मोहरा बन चुका है।

हाल ही में हरियाणा के पानीपत से एक बड़ा खुलासा हुआ, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। एक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा युवक नोमान इलाही अचानक खुफिया एजेंसियों की रडार पर आ गया। उसके मोबाइल की ट्रैकिंग से पता चला कि वह पाकिस्तान से संपर्क में है और भारत की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ भेज रहा है।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, कई चौंकाने वाले राज खुलते गए।

नोमान इलाही, जिसकी उम्र केवल 24 साल है, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कैराना कस्बे का रहने वाला है। माता-पिता का देहांत हो चुका है, और वह अपनी बहन के साथ पानीपत में रहकर फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करता था। ऊपर से सब सामान्य, लेकिन अंदर से वो देश के खिलाफ चल रही बड़ी साजिश का हिस्सा था।

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जब पुलिस ने उसके मोबाइल और सोशल मीडिया की जांच की, तो सामने आया एक नाम – इकबाल कान्हा।

नोमान के जरिए पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियाँ भेजी जा रही थीं। हवाला के जरिए पाकिस्तान से पैसा आता था, जिसे भारत में खुफिया जानकारी जुटाने और गड़बड़ी फैलाने में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन नोमान असली साजिशकर्ता नहीं, बल्कि केवल एक प्यादा था। असली मास्टरमाइंड कोई और है – वही इकबाल कान्हा, जिसकी कहानी किसी फिल्मी खलनायक से कम नहीं है।

इकबाल की दास्तान: केले की ठेली से आतंक की दुनिया तक

1990 के दशक में कैराना की गलियों में केले बेचने वाला इकबाल सिर्फ फल नहीं बेचता था, वह सपने बेचता था – ताकत और पैसा पाने के। पहले तस्करी शुरू की, फिर सोने से लेकर नकली करेंसी तक और आखिर में हथियारों तक पहुँच गया।

1995 में जब उसका साथी हथियारों के साथ पकड़ा गया, तो इकबाल पाकिस्तान भाग गया और वहां आईएसआई से जुड़ गया। फिर वहीं से भारत के खिलाफ नेटवर्क खड़ा कर लिया।

2021 में दरभंगा रेलवे स्टेशन विस्फोट मामले में भी उसका नाम सामने आया था, जिसमें कैराना के ही दो युवक गिरफ्तार किए गए थे, जिनका इकबाल से सीधा संपर्क था।

अब सवाल उठता है – क्या नोमान जैसे लोग देश में और भी हैं? क्या इकबाल अकेला मास्टरमाइंड है, या उसके जैसे और भी लोग भारत में स्लीपर सेल बनाकर काम कर रहे हैं?

पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई

करनाल के एसपी के अनुसार, नोमान को पाकिस्तान से जानकारियाँ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसका मोबाइल सीज कर लिया गया है और जांच की जा रही है कि वो किन-किन लोगों के संपर्क में था।

पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में ही इस बात की पुष्टि हो गई थी कि वह संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा है, और सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।

क्या ये शुरुआत है किसी बड़ी साजिश की?

देश की सुरक्षा से जुड़े ऐसे मामलों में सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि दुश्मन अब सीमाओं के पार नहीं, बल्कि देश के अंदर हैं। नौमान इलाही जैसे लोग दिखते कुछ और हैं, लेकिन काम देश को अंदर से खोखला करने का कर रहे होते हैं। सवाल यह भी है कि क्या हमारे समाज में ऐसे और भी लोग हैं, जो इकबाल कान्हा जैसे आतंकियों के इशारों पर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं?

जांच अभी जारी है, लेकिन ये केस देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि आतंक अब चेहरा बदलकर सामने आ रहा है – ठेले वाला भी अब दुश्मन बन सकता है।

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