यूपी में इस हाईवे के चौड़ीकरण का काम तेज, बाईपास का निर्माण भी शुरू

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित अमरिया तहसील से होकर गुजरने वाले बरेली-सितारगंज हाईवे पर यातायात को आसान व सुचारू बनाने के लिए बाइपास को निर्मित कराने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. विभिन्न स्थानों पर मिट्टी बिछाने का काम पूरा हो चुका है. इन जगहों पर अब डीबीएम (डेंस बिटुमिनस मैकाडम) डालकर सड़क को मजबूत बनाया जा रहा है.
इसके पश्चात सड़क की गुणवत्ता और सहनशीलता को मजबूत बनाने के लिए एक और लेयर डाली जाएगी. इस काम को आरसीएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है.
बाइपास को निर्मित कराने में कुल अनुमानित लागत 647 करोड़ रुपये है. यह सड़क करीब 45 मीटर चौड़ी होगी और इसका निर्माण कार्य मार्च 2024 में शुरू हुआ था. एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा इसे दो सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, 2026 तक यह बाइपास पूरी तरह तैयार हो जाएगा.

क्या बोले स्थानीय निवासी
महेंद्र कुमार, एक स्थानीय नागरिक, ने बताया कि बाइपास के निर्माण से हाईवे पर जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी. लोग अब तेजी से और बिना रुकावट के यात्रा कर सकेंगे.

खेमकरन, एक और ग्रामीण, ने कहा कि बाइपास के निर्मित होने से न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि इसके आस-पास की जमीनों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों और जमीन मालिकों की आमदनी बढ़ेगी.
मोहम्मद असद ने जानकारी दी कि उत्तराखंड के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र से भारी सामान लेकर ट्रक और लोडर इसी हाईवे से गुजरते हैं. इससे हाईवे की सड़क काफी टूटी-फूटी हो जाती है. बाइपास के निर्मित होने से भारी वाहनों का ट्रैफिक बाहर निकल जाएगा और सड़क सुरक्षित व सुचारू हो जाएगी.
जहां-जहां यह बाइपास मुख्य हाईवे से जुड़ रहा है, वहां सड़क को चौड़ा किया जा रहा है. इससे स्थानीय लोगों को और बाहर से आने-जाने वालों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी. खासकर सितारगंज से बरेली की यात्रा करने वाले लोगों को अब सीधा रास्ता मिलेगा, जिससे समय की भी काफी बचत भी होगी.
एनएचएआई के साइट इंजीनियर मयंक मिश्रा के अनुसार, अभी तक लगभग 11% कार्य पूरा हो चुका है. जहां मिट्टी का काम पूरा हो चुका है, वहां अब डीबीएम डालने का कार्य चल रहा है, जिससे सड़क मजबूत होगी.