यूपी के छोटे इलाकों में भी चलेगी सिटी बस, सीएम योगी ने कही यह बात
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उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है कि राज्य के छोटे कस्बों में भी सिटी बसों की शुरुआत की जाएगी. यह कदम खास तौर पर उन इलाकों के लिए फायदेमंद साबित होगा जहां सार्वजनिक परिवहन की सुविधा सीमित है. इस योजना का उद्देश्य कस्बों और छोटे शहरों में यातायात की समस्या को हल करना. प्रदूषण को कम करना और लोगों को बेहतर एवं सस्ता परिवहन मुहैया कराना है.
कस्बों में शुरू होंगी सिटी बसें, एक नई पहल
प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य के छोटे शहरों और कस्बों में सिटी बस सेवा की शुरुआत करने का निर्णय लिया है. इन बसों का संचालन मुख्य रूप से शहरों के प्रमुख मार्गों पर किया जाएगा. जिससे लोगों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इस पहल से न सिर्फ परिवहन सुविधा में सुधार होगा. बल्कि प्रदूषण स्तर को भी कम करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिटी बस सेवा में निजी ई-बस संचालकों को भी मौका देने का निर्देश दिया है. उन्होंने किराया, पार्किंग, रूट भी सुनिश्चित करने तथा बड़े शहरों के पास के कस्बों तक निजी सिटी ई-बस सेवा शुरू करने को भी कहा, ताकि आमजन को इसका लाभ मिल सके. सीएम बुधवार को नगर विकास विभाग में संचालित परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
उन्होंने भावी कार्य योजनाओं पर भी विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए. योगी ने कहा कि प्रयागराज में वेस्ट मैटीरियल से तैयार शिवालिक पार्क श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र का अच्छा मॉडल है. इसी तर्ज पर वेस्ट और धातु अपशिष्ट का सदुपयोग करते हुए मथुरा-वृंदावन में भव्य श्कृष्ण लोकश् पार्क तथा अयोध्या में लवकुश पार्क एवं श्री पुरुषोत्तम दर्शन अनुभव केंद्र तैयार करना चाहिए. यहां भगवान राम, भगवान कृष्ण तथा लवकुश के जीवन चरित्र से जुड़ी कथाओं को दर्शाया जाए. थ्री-डी इंटरैक्टिव मॉडल, लाइट एंड साउंड शो हो. इस योजना से मुख्य रूप से उन लोगों को फायदा होगा. जो सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं और जिनके पास निजी वाहन खरीदने की क्षमता नहीं है. छोटे कस्बों में जहां सार्वजनिक परिवहन का विकल्प बहुत सीमित होता है. वहां इस योजना से यात्रा करना आसान होगा. महिलाओं के लिए यह योजना विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है. क्योंकि सिटी बसों में सुरक्षा और सुविधा की अधिक संभावना होती है. इसके अलावा बसों में बैठने की व्यवस्था भी उन्हें बेहतर अनुभव प्रदान करेगी. इनके स्थान पर ई-बसें लाई जानी चाहिए. उन्होंने प्रदेश में कहीं भी अवैध विज्ञापन होर्डिंग नहीं लगने का निर्देश देते हुए कहा कि खतरनाक होर्डिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड को वरीयता दें. अवैध होर्डिंग तत्काल हटवाएं। सभी नगरीय निकायों के लिए स्पष्ट नियमावली होनी चाहिए, जो आय का अच्छा माध्यम भी बनेगा. यह सुनिश्चित कराएं कि विज्ञापन होर्डिंग किसी महापुरुष की प्रतिमा या चित्र को विकृत न करता हो.
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राज्य सरकार की योजना, सिटी बसों की सुविधाएँ
सीएम ने कहा कि सभी नगर निकायों को अपनी आय बढ़ाने के ठोस प्रयास करने होंगे. लखनऊ, गाजियाबाद और आगरा के बाद इसी माह वाराणसी और प्रयागराज नगर निगम का म्युनिसिपल बॉन्ड जारी होने वाला है. इसी वित्तीय वर्ष में गोरखपुर, मेरठ और कानपुर नगर निगमों का म्युनिसिपल बांड भी जारी करने की तैयारी करें. स्ट्रीट डॉग के काटने की समस्या गंभीर होती जा रही है, इसका स्थायी समाधान करें. नगर निकायों में मैनपॉवर की कमी नहीं होनी चाहिए। रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती करें. जहां आउटसोर्सिंग से तैनाती होनी हो, बिना विलंब प्रक्रिया पूरी करें. बरसात शुरू होने से पूर्व सभी नगरीय निकायों में ड्रेनेज व्यवस्था को बेहतर कर लिया जाए. कहीं भी जलभराव न हो. शहरों में वाहन पार्किंग बड़ी चुनौती है। पार्किंग को मांग, स्थान और समय के अनुरूप व्यवस्थित किए जाने की आवश्यकता है. शुल्क में समरूपता होनी चाहिए. स्थानीय व्यापारियों, दुकानों, कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों आदि का मासिक पास बने.
यह सुनिश्चित कराएं कि कहीं भी पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली न हो. उन्होंने जिला मुख्यालय वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट नगर निकाय के रूप में अपडेट करने का निर्देश भी दिया। इनमें डिजिटल गर्वनेंस, वैल्यू एडेड सिटीजन सर्विस जैसे वायु और जल प्रदूषण की मॉनीटरिंग, जलभराव की समस्या, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट लाइट मैनेजमेंट, प्रदर्शनी स्थल, ऑडिटोरियम, वेंडिंग जोन, डिजिटल लाइब्रेरी, नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन जैसे ईज ऑफ लिविंग के दृष्टिगत उपयोगी कार्य होंगे. इन निकायों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। इस संबंध में बजट आवंटित किया गया है. विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. साथ ही, सभी नगर निकायों में नामांतरण, पंजीयन और वसीयत आदि की समान प्रक्रिया और शुल्क सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ईंधन वाली बसों को नगरीय परिवहन में प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 15 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है. यह सुनिश्चित किया जाए कि 15 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी डीजल एवं सीएनजी बसों का उपयोग न हो. इन्हें स्क्रैप कराएं.