यूपी में किसानों के लिए बड़ी राहत, रात में भी होगा अब यह काम
सरकार ने यह फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया है, ताकि योजना का लाभ उन वास्तविक किसानों को ही मिले जिनके नाम पर कृषि भूमि है
नए किसानों के लिए योजना का लाभ उठाने के लिए इसकी अनिवार्यता है। कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान समेत अन्य कृषि योजनाओं के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस काम को पूरा करने के लिए कहा है।
मिलेगा हर योजना का फायदा
सरकार ने यह फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया है, ताकि योजना का लाभ उन वास्तविक किसानों को ही मिले जिनके नाम पर कृषि भूमि है, इसमें किसान कल्याण से जुड़ी अन्य योजनाओं को भी शामिल किया गया हैए ताकि पंजीकरण की प्रक्रिया और सरल बनाई जा सके। सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जाने वाली योजनाओं एवं अन्य अनुदानों का लाभ लेने के लिए किसानों को फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कराना होगा. यह फार्मर रजिस्ट्री 15 जनवरी 2025 तक की जाएगी. फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कराने वाले किसानों को अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा. किसानों को फार्मर रजिस्ट्री करने के लिए वह स्वयं इस योजना के लिए बनाए गए पोर्टल नचति.ंहतपेजंबा.हवअ.पद एवं मोबाइल एप थ्ंतउमत त्महपेजतल न्च् के माध्यम से स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।कृषि विभाग के साथ ही राजस्व और पंचायत विभाग के कर्मचारी दिन-रात किसानों का पंजीकरण करने में जुटे हैं. मामले में उप्र के कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि प्रदेश भर में अभियान चलाकर किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ जगह से सूचना थी कि दिन में सर्वर नहीं चल रहा है इसलिए सभी केंद्रों को आदेशित किया गया है कि वो रात में केंद्र खुला रखें। फार्मर्स रजिस्ट्री से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे और निर्बाध रूप से मिल सकेगा. यह पहल किसानों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ऐसे में जिलाधिकारियों, ग्रामीण इलाकों में सहायक कर्मियों और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से अभियान को गति दी जा रही है।
किसानों को आसानी से मिलेगा योजनाओं का लाभ
डॉ तोमर बताते हैं कि जिन किसानों ने अभी तक अपनी फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है जल्द करा लें. लेखपाल व जनसेवा केंद्र के माध्यम से डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री बनवाई जा रही है. मोबाइल एप के माध्यम से किसान स्वयं भी फॉर्मर आईडी बना सकते हैं। कृषि मंत्रालय ने राज्यों से अपने यहां जमीन के रिकॉर्ड सिस्टम को भी अपग्रेड करने के लिए कहा है, ताकि दाखिल-खारिज के तुरंत बाद आवेदक का नाम ज़मीन मालिकों के कॉलम में दिखे। किसानों की यूनिक आईडी बनने से किसानों की ज़मीन, खेत में उगाई जाने वाली फ़सल और अन्य विवरण आदि की जानकारी मिलना आसाना होगी और सरकार के लिए डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजने, लोन एप्रूवल, फ़सल बीमा और फ़सल की उपज का अग्रिम अनुमान लगाना आसान हो जाएगा। इसके अलावा कृषक जनपद में संचालित जन सुविधा केंद्रों (सीएससी) का प्रयोग करते हुए निर्धारित शुल्क देकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. जहां जनसेवा केंद्र से पंजीकरण करा सकते हैं. जनसेवा केंद्र पर खतौनी की प्रति, फैमिली आईडी संख्या या राशन कार्ड, आधार और आधार से लिंक कोई मोबाइल नंबर लेकर जाना होगा कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए साथ ही फसली ऋण व केसीसी का लाभ पाने के अलावा फसल बीमा एवं आपदा प्रबंधन की क्षतिपूर्ति को चिह्नित करने के लिए डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री की अहम भूमिका होगी. इसके बन जाने के बाद लाभार्थी के बार-बार सत्यापन करने की जरूरी समाप्त हो जाएगी।