यूपी में लखनऊ से इस रूट के लिए बड़ी खबर, दो महीने तक वाहन रहेंगे प्रतिबंधित, जाने वजह
.png)
सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाते हुए कायकर्ताओं से कहा कि इन्हें आम जनता तक पहुंचाएं और उनका भरोसा जीतें। सरकार का तीसरा टर्म सत्ताभोग के लिए नहीं, बल्कि भारत को विकसित बनाने के लिए मांग रहे हैं। भारत पहले से भी कई गुना तेज़ी के साथ काम करते हुए विकसित होगा।
सत्ताभोग नहीं विकास के लिए चाहिए तीसरा टर्म
इस वजह से प्रशासन ने लिया फैसला
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रही है। औद्योगिक विकास के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इनमें करोड़ से अधिक का निवेश प्रदेश में आ चुका है। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का ग्रीन फील्ड बनी से हिनौरा की मुड़ जाता है। ऐसे में जमीनों का अधिग्रहण करके ग्रीन फील्ड का काम तेजी से चल रहा है। इसलिए उस रूट पर न तो कोई डायवर्जन है और न ही आवागमन में कोई दिक्कत आएगी। वहीं कानपुर से आने वाले वाहन दही चौकी की ओर डाइवर्ट होंगे या फिर प्रधान ढाबा यानी बनी से मोहनलालगंज, गोसाईगंज होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस का प्रयोग करते हुए अपने गंतव्य पर जाएंगे। एनएचएआइ इस डायवर्जन का प्रपोजल जल्द ही प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों व ट्रैफिक पुलिस को सौंपने जा रहा है। दारोगा खेड़ा से बनी के बीच एलीवेटेड रोड पर गर्डर रखने का काम चौबीसों घंटे चल सकेगा। वर्तमान में भारी वाहनों के कारण यहां काम रोकना पड़ता था। इसलिए यहां काम काफी बाकी है। बता दें कि लखनऊ से कानपुर और कानपुर से लखनऊ के बीच चौबीस घंटे में एक लाख के आसपास भारी वाहनों का आवागमन होता है। उद्देश्य है कि लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेस वे के काम को बिना रुकावट जून 2025 तक पूरा किया जा सके। काम होने के बाद रास्ता पूर्व की भांति खोल दिया जाएगा। एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक दारोगा खेड़ा से आउटर रिंग रोड निकल रही है। यहां स्लिप रोड बनाई जा रही है। जो वाहनों को सीधे आउटर रिंग रोड से जोड़ने का काम करेगी। इस स्लिप रोड का काम अस्सी प्रतिशत पूरा हो चुका है। डामरीकरण का काम होली तक करने का दावा प्राधिकरण अफसरों ने किया है। फिर वाहनों को डायवर्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।