यूपी में इस जगह बनेगा फोरलेन का नया पुल
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कानपुर से शुक्लागंज को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर चार लेन का पुल और रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाएगा। 415 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल तीन साल में पूरा होगा। इसके बनने से रोजाना एक लाख से ज्यादा यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी।
फोरलेन पुल और बनेगा रेलवे ब्रिज, ट्रैफिक से मिलेगी राहत
टीम ने किया निरीक्षण, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
लोक निर्माण विभाग ने इस सड़क के लिए 11 करोड़ 68 लाख 12 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की है और अप्रैल तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, जिस गति से काम चल रहा है, उसे देखकर नहीं लगता कि यह समय सीमा पर पूरा हो पाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि काम की धीमी गति के कारण उन्हें अभी भी बदहाल सड़क से ही गुजरना पड़ रहा है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। चेयरमैन प्रतिनिधि संदीप ने बताया कि प्रस्तावित नक्शे के हिसाब से पुल का निर्माण कराया जाना है। नया पुल फोरलेन का होगा। यह पुल पुराने गंगापुल व रेलवे पुल के ऊपर से होकर शुक्लागंज में निकलेगा। उन्होंने बताया कि एस्टीमेट तैयार करने के लिए राज्य सेतु निगम की टीम पहुंची थी। टीम एस्टीमेट तैयार कर उसे शासन को भेजेगी। वहीं शुक्लागंज में पोनी रोड के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का काम बीते दिनों शुरू तो हो गया है, लेकिन इसकी गति बेहद धीमी है। गंगाघाट कोतवाली के पास पोनी तिराहे से पोनी गांव तक लगभग साढ़े छह किलोमीटर लंबी सड़क का काम फरवरी में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक हाईवे के छोर पर ही काम चल रहा है। निरीक्षण के दौरान नगर पालिका गंगाघाट चेयरमैन प्रतिनिधि संदीप पांडेय व नगर पालिका गंगाघाट के ईओ मुकेश कुमार मिश्रा व जेई घनश्याम मौर्या समेत अन्य पालिका कर्मचारी भी मौजूद रहे। काफी समय से नए पुल निर्माण की आस जगने से नगर के लोगों में खुशी व्याप्त है। कानपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए यह पुल एक बड़ी सुविधा साबित होगा। इसके बनने से न सिर्फ यातायात की समस्या कम होगी, बल्कि लोग तेजी से अपने मंज़िल तक पहुंच सकेंगे। आने वाले समय में इस परियोजना पर और तेजी से काम किया जाएगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके और लखनऊ, उन्नाव की यात्रा आसान हो जाएगी। इस परियोजना को शासन की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। करीब एक महीने पहले तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश सिंह ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव के माध्यम से इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा था। अब इसे अगले वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में शामिल करने की तैयारी है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी टेंडर निकालकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अनुमान है कि यह पुल और आरओबी बनने में लगभग तीन साल का समय लगेगा।