बस्ती में 39 करोड़ रुपए से इन योजनाओं पर होगा काम! हॉस्पिटल से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी शामिल

बस्ती में 39 करोड़ रुपए से इन योजनाओं पर होगा काम! हॉस्पिटल से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी शामिल
Basti News

अमृत काल में बस्ती जिले में विकास की गति तेज हो गई है। भारत के पास अनगिनत उपलब्धि‍यां हैं। लेकिन विकसित राष्‍ट्र बनने के लिए इससे कई गुना आगे जाने की जरूरत होगी। इसके लिए हमारे पास सिर्फ 25 साल का समय है।

विकसित राष्‍ट्र बनाने के लिए किन सुधारों की है जरूरत

देश की आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं। हम अब तक की अपनी उपलब्धियों पर संतोष की सांस तो ले सकते हैं, लेकिन चैन से बैठने का समय अभी नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य रख दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि 2047 यानी जब देश आजादी के सौ साल पूरे कर रहा होगा। तब भारत से विकासशील होने का ठप्पा मिट चुका होगा। यह विकसित राष्ट्र बन चुका होगा। यह संकल्प कठिन है लेकिन नामुमकिन नहीं। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के तमाम आयामों की पड़ताल जो हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है। उत्तर प्रदेश के बस्ती में नगर पंचायत बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता नीलम सिंह राना ने की। क्षेत्रीय विधायक दूध राम ने नगर के विकास में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। अधिशासी अधिकारी श्रृष्टि सिंह ने सबका साथ-सबका विकास का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं में आम जनता और सक्षम संस्थाओं की भागीदारी से विकास को गति दी जाएगी। विकसित राष्‍ट्र की श्रेणी में आने के लिए इसे 12 हजार डालर पर लाना होगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत को लगातार तेज आर्थिक विकास की आवश्यकता होगी। उच्च आर्थिक विकास के लिए मैन्यूफैक्चरिंग में निवेश चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने लगभग सभी महत्वपूर्ण सेक्टर में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ;पीएलआइ स्कीम की घोषणा की है। इससे न केवल कुछ महत्वपूर्ण टेक्नोलाजी के मामले में हम आत्मनिर्भर हो सकेंगे, बल्कि मैन्यूफैक्चरिंग हब भी बन सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 39 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया। इसमें 3000 प्रधानमंत्री आवास भी शामिल हैं। प्रमुख विकास कार्यों में 50 बेड का एलोपैथिक महिला अस्पताल, अग्नि शमन केंद्र और डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण शामिल है।

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इस मुद्दे पर क्‍या कहते हैं दिग्‍गज रणनीतिकार

इसी तरह श्रम एवं पूंजी बाजार में भी सुधार महत्वपूर्ण हैं। भारत में हर सुधार को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। बात चाहे कृषि सुधारों की हो या श्रम सुधारों व न्यायिक सुधारों की स्थिति सब जगह समान है। सुधार हमेशा यथास्थिति को चुनौती देते हैं और इसीलिए इन पर कदम बढ़ाना मुश्किल होता है। कई सरकारों में वह राजनीतिक इच्छाशक्ति भी नहीं होती है। जो सरकार हिम्मत करती हैए उसे विरोध का सामना करना पड़ता है। इस मानसिकता से उबरते हुए सभी लोगों को सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा, जिससे देश को विकसित बनाया जा सके। कार्यालय में सोलर प्लांट और एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। आयुर्वेदिक अस्पताल में योग केंद्र और पंच कर्म हॉल का निर्माण होगा। गरीब परिवारों के लिए विशेष सुविधा के तहत मृत्यु पर शव यात्रा के लिए नगर पंचायत की ट्रैक्टर ट्राली निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में कई सभासदों ने भी अपने विचार रखे। योजना में सड़क निर्माण, जल निकासी, छठ घाट, आयुर्वेदिक पौधों की नर्सरी और नगर पंचायत का एप भी बनाया जाएगा। साथ ही स्कूलों का विकास, पथ प्रकाश, पेयजल व्यवस्था और पार्क का निर्माण किया जाएगा। बैठक में सीसीटीवी निगरानी सिस्टम, बारात घर, ऑडिटोरियम और सभागार में दर्शक दीर्घा बनाने का निर्णय लिया गया।

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