यूपी के इस जिले में नदी पर बनेगा पुल, देखें रूट
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राम सेतु अब एक ऐसा स्थान बन चुका है, जो धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का संदेश देता है, इसके सुंदर चित्र, मनमोहक सजावट और धार्मिक महत्व इसे एक ऐसी धरोहर बनाते हैं, जो न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
रामसेतु के नाम से जाना जाएगा यह पुल
स्थानीय समुदाय में आस्था का नया केंद्र
शहर से जोड़ने वाला यह पुल अब राम सेतु के नाम से जाना जाता है, अयोध्या में राम मंदिर के रामल्ला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर इस पुल का नाम बदलकर राम सेतु रखा गया, यह नामकरण धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का एक प्रतीक बन गया। उन्होंने बताया कि शहर में 10 करोड़ रुपये की लागत से साहित्य पार्क का निर्माण कराया जाएगा. इसके अलावा, बहुत कम लोगों को पता है कि भगवान राम ने यमुना नदी भी पार की और उसमें स्नान भी किया. इसे देखते हुए प्रयागराज के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘रामसेतु’ पैदल पुल के निर्माण का प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित किया गया। राम सेतु पुल को न केवल नाम बल्कि स्वरूप से भी विशेष महत्व दिया गया है, जो इसे भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बनाती हैं। उन्होंने बताया, “सदन में पारित हुए प्रमुख प्रस्तावों में शहरी बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को मंजूरी दी गई. नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में सड़क और नाली निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, वहीं सीमा विस्तार क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए 28 करोड़ रुपये मंजूर की योजनाएं मंजूर की गईं। संगम क्षेत्र के त्रिवेणी संकुल, मेला सर्किट हाउस में हुई बैठक में महापौर गणेश केसरवानी ने कहा, “हम भविष्य का प्रयागराज बनाने जा रहे हैं. आने वाले 50 वर्षों की सोच को लेकर काम कर रहे हैं. 2025-26 के लिए 462 करोड़ की परियोजनाएं मंजूर की गईं हैं।