यूपी में इस रूट पर 649 किलोमीटर लंबी सड़क होगी फ़ोरलेन, 66 गाँव को मिलेगा फायदा 27583 हेक्टेअर जमीन का होगा अधिग्रहण
सरकार का लक्ष्य है कि इस हाईवे के माध्यम से परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जाए
उत्तर प्रदेश में स्थित बाराबंकी की सीमा खत्म होते ही रुपईडीहा तक की सड़क को चौड़ा करने का कार्य शुरू किया जाएगा। यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। प्रथम चरण में, जरवल से बहराइच के झिंगहाघाट तक लगभग 649 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 66 गांवों के 1825 किसानों से कुल 27583 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
प्रथम चरण में संयुक्त रूप से जमीन के भौतिक सत्यापन का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया गया है। यह परियोजना विशेष परियोजनाओं की श्रेणी में आती है, जिसके कारण भूमि अधिग्रहण सीधे किसानों से किया जाएगा। इस प्रक्रिया में एसआईए (सामाजिक प्रभाव आकलन) की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।जरवलरोड़-रूपईडीहा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्मित होने से बहराइच के निवासियों के लिए अत्यंत फायदेमंद सिद्ध होगा। खासकर, लखनऊ और कानपुर से रूपईडीहा की यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह राजमार्ग एक सुविधाजनक विकल्प प्रस्तुत करेगा। इस परियोजना को दो प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है।
प्रथम चरण में, जरवल से लेकर बाराबंकी जिले की सीमा खत्म होती है। इसके बाद, बहराइच के झिंगहाघाट तक एक 649 किलोमीटर लंबी सड़क को निर्मित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, 66 गांवों से होकर हाईवे गुजरेगा। इसके लिए कुल 27583 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस चरण के लिए भूमि का भौतिक सत्यापन कार्य पहले ही पूर्ण किया जा चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि इस हाईवे के माध्यम से परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जाए और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
हाईवे के निर्माण से छोटे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। फोरलेन को निर्मित कराने के चलते, जिन छोटे बाजारों के भवन रास्ते में आएंगे, उन्हें तोड़ना पड़ेगा। हालांकि, उन व्यापारियों को मुआवजा दिया जाएगा, परंतु जिनकी जमीनें अभी सड़क से दूर हैं, उन्हें चिंता हो सकती है। चौड़ीकरण के पश्चात उनकी जमीनें हाईवे के करीब आ जाएंगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) की तरफ से सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, और इस संबंध में आवश्यक भूमि का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। प्रथम चरण के तहत, इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की योजना है, जिससे प्रभावित लोगों को सही जानकारी और उचित मुआवजा मिल सके।