यूपी के इस जिले में 61 साल पुराने मंदिर में प्रतिष्ठित हुए भगवान शिव, मुस्लिमों ने भी बरसाए फूल
मुस्लिम समुदाय इसमें हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई सभी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और प्रसाद ग्रहण किया
मुस्लिमों ने की पुष्प वर्षा
यूपी के फिरोजाबाद में मुस्लिम युवकों के लिए हिंदू- मुस्लिम के बीच न कोई मजहब की दीवार न कोई भेदभाव है। दोनों मुस्लिम व्यक्ति कार्यक्रम में हिन्दू समाज के साथ देते नजर आये है। हिन्दू मुस्लिम एकता और ईश्वर एक की धारणा रखने वाले ये मुस्लिम व्यक्ति साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल हैं, और तमाचा है उन लोगों पर जो धर्म के नाम पर इंसानियत को बांटकर आपसी भाईचारे के लिए नासूर बनते हैं। जिले में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की गई। मुस्लिम समुदाय इसमें हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई सभी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और प्रसाद ग्रहण किया। जानकारी के हमेशा आपसी भाईचारे का मिसाल पेश करता रहा है।लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू त्योहार के अवसर पर न सिर्फ सेवा का कार्य किया बल्कि भंडारे में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। ऐसे समय में जब देश में जातिवाद वाद धर्मवाद हावी हो तो ऐसे आयोजन का बहुत बड़ा महत्व होता है। फिरोजाबाद के थाना रसूलपुर क्षेत्र के पुराना रसूलपुर गली नंबर 8 में 5 जनवरी को 61 साल पुराना शिव मंदिर मिला था, जिसके बाद बजरंग दल के संयोजक मोहन बजंरीग और उनके सहोयगियों ने इस मंदिर के पुनर्निमाण करने और यहां पूजा अर्चना शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने प्रशासन और अधिकारियों से संपर्क कर मंदिर खुलवाने का प्रयास किया। देश में मंदिर मस्जिद विवाद के बीच बीते दिनों सालों पुराना मंदिर मिला था, जिसके बाद बजरंग दल ने इस मंदिर में फिर से पूजा पाठ शुरू कराने का निर्णय लिया और अब इस मंदिर का पुनर्निमाण किया गया है. स्थानीय लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ मंदिर में भगवान शिव और बजरंग बली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की. इस आयोजन में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी पूरा साथ दिया और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की.
हिंदू- मुस्लिम एकता के सूत्रधार
इस उपलक्ष्य में आयोजित लोगों के साथ सभी पार्टी के लोग भी इसमें शामिल हुए। राजनीति अपनी जगह है और भाई चारा अपनी जगह । आपसी भाईचारे से देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया जा सकता है । कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना है । वह ऐसा आयोजन आगे भी करते रहेंगे। लोगों ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि रसूलपुर क्षेत्र की जनता आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग एक साथ शामिल होंगे. ये आयोजन धार्मिक महत्व के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक बनेगा। पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया गया। मंदिर की पुनः स्थापना न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनेगी, बल्कि यह आयोजन आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश भी देगा। प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद पुलिस की मौजूदगी में मंदिर को खोला गया और इसकी सफाई व पेंटिंग के बाद इसे भक्तों के लिए तैयार किया गया।
मंदिर तैयार होने के बाद 11 जनवरी को मंदिर में भगवान शिव के परिवार और हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बताया जा रहा है कि ये मंदिर पिछले 35 वर्षों से बंद था और यहां कोई पूजा-अर्चना नहीं हो रही थी. लेकिन बजरंग दल की पहल के बाद इस मंदिर को फिर से खोला गया है. मंदिर खुलवाने और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में मुस्लिम समुदाय का भरपूर सहयोग देखने को मिला. मंदिर की पुनः स्थापना के दौरान मुस्लिम समुदाय ने न केवल समर्थन दिया बल्कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन पुष्पवर्षा भी की। इस बीच, भारत को बहुलतावादी और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से हिंदू राष्ट्र में बदलने की व्यवस्थित कोशिश जारी है, ऐसे वक्त में हमें स्वतंत्रता संग्राम के अपने प्रबुद्ध नेताओं की विरासत पर गौर करने की ज़रूरत है ताकि हिंदू.मुस्लिम एकता और भारत-पाकिस्तान की दोस्ती की कोई नई राह तलाश की जा सके।