Csk Vs KKr: चेन्नई के इन खिलाड़ियों ने किया सबसे खराब प्रदर्शन

चेन्नई के इस हालात पर फैंस को रोना आ रहा है। दर्शक दीर्घा में बैठे फैंस इसी बात को लेकर परेशान थे कि कब कौन सा खिलाड़ी अंदर जाएगा और कितनी देर बाद वो बाहर आ जाएगा। क्योंकि मुकाबला यही हुआ केकेआर के खिलाफ। सीएसके में एमएस धोनी एज अ कैप्टन वापस आ रहे थे। लोगों को लगा कुछ तूफान होगा, मैजिक कर देंगे, चमत्कार होगा। चेन्नई यहां से कुछ बवाल करेगी। लेकिन चेन्नई का हाल ऐसा हुआ कि 103 रनों पर पूरी टीम ढेर हो गई। और यह चेपॉक में चेन्नई का सबसे लोएस्ट टोटल है।
ये अपने आप में बयां करता है कि चेन्नई की टीम कितना घटिया इस आईपीएल में खेल रही है। उसी पर बात करेंगे कि इस पूरी पारी के पांच ऐसे फ्लॉप खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें सिर्फ टीम से नहीं, आप आईपीएल से हटाओ तभी इस चेन्नई टीम का कुछ भला हो सकता है।
उस लिस्ट की अगर बात करें तो पहला नाम रचिन रविंद्र का है। मैं यहां पर पांच की बात करूंगा, पर ये लिस्ट और बड़ी हो सकती है। यहां पर अगर आप देखें, रचिन रविंद्र नौ गेंद खेलते हैं, सिर्फ चार रन बना पाते हैं। इसके अलावा कॉन्वे 11 गेंदों पर 12 रन। इन दोनों खिलाड़ियों ने पूरे पावर प्ले की वाट लगा दी और चेन्नई के खिलाफ ही खेल लिया। जहां पर बाकी टीमें पावर प्ले में रन बना रही हैं, यह खिलाड़ी अपनी टीम के खिलाफ ही खेल जा रहे हैं।
कॉन्वे 11 गेंदों पर 12 रन। उसके बाद आते हैं राहुल त्रिपाठी, जिनका तो अलग ही फॉर्म चल रहा है। 22 गेंद खेलते हैं और सेट होने के बाद सिर्फ 16 रन बनाकर आउट हो जाते हैं। आउट होने के बाद रिएक्शन ऐसा देते हैं कि अगर सही बॉल होती तो मार देते।
इसके बाद अगर आप देखिए विजय शंकर ने 21 पर 29 बनाए। इन तमाम खिलाड़ियों से अगर आप देखेंगे तो शायद इनका प्रदर्शन फिर भी आपको बेहतर लगेगा।
शिवम दुबे जो अंत तक टिके रहे लेकिन 29 गेंदों पर 31 रन। शिवम दुबे साहब से उम्मीद करते हैं कि 31 पर 50 रन बनाएंगे, 60 रन बनाएंगे। लेकिन उनके भी बैट पर बॉल नहीं लग रही थी। और यहां पर आप उनको इस फेहरिस्त में नहीं डालेंगे कि इनको हटा दो, लेकिन हां, इस फेहरिस्त में अगर आप डालेंगे तो अश्विन को डालेंगे।
इनको ऊपर क्यों भेजा गया, ये अब तक का सबसे बड़ा सवाल है जो समझा नहीं गया। क्योंकि दीपक हुड्डा को एज अ इंपैक्ट लाना था तो अश्विन को पहले क्यों भेजा गया? ये सबसे बड़ा सवाल है। अश्विन सात गेंद खेलते हैं, सिर्फ एक बनाकर आउट हो जाते हैं।
इसके अलावा जडेजा दो गेंदों पर खाता नहीं खोलते। दीपक हुड्डा चार गेंदों पर खाता नहीं खोलते। एमएस धोनी आते हैं, चार गेंद पर एक रन बनाकर आउट हो जाते हैं।
यहां तक की ये कहानी है कि सीएसके की टीम के अगर आप देखें, इसमें से राहुल त्रिपाठी, इसके अलावा अगर आप देखेंगे तो फिर अश्विन, फिर अगर आप देखें दीपक हुड्डा और रचिन रविंद्र को भी — जिस तरीके की उनकी फॉर्म चल रही है — इन खिलाड़ियों को आप इस वक्त चेन्नई की टीम से हटा दो, तभी जाकर इस टीम का कुछ हो सकता है।
जो कि बहुत मुश्किल है क्योंकि लगातार ये टीम चार मुकाबले हारी और ये पांचवें मुकाबले के दहलीज पर है। और यहां पर अब चेन्नई को सोचना पड़ेगा कि देखिए ये पुरानी सोच जो है कि ऐसे खिलाड़ियों को लेकर उतरेंगे, रन बना देंगे — ऐसे नहीं चलता।
आपके पास जो नए खिलाड़ी हैं, चाहे वो शेख रशीद की बात करें, चाहे वो वंशवेदी की बात करें या फिर अगर आप लाना चाहते हैं किसी नए खिलाड़ी को रुतुराज के रिप्लेसमेंट के तौर पर तो लेकर आइए।
कम से कम अपने फैंस का जो उत्साह है, उसके लिए तो खेलिए। इस तरीके से खेलेंगे तो फैंस मैच देखना बंद कर देंगे।