बस्ती में कांग्रेस : अंकुर वर्मा के सामने है चुनौतियों का पहाड़

बस्ती (भा.ब.) . युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश स्तर तक तमाम जिम्मेदारियों को निभा चुके अंकुर वर्मा (Ankur verma)को संगठन ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है.
अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा चुके अंकुर वर्मा अपने व्यक्तिगत संबंधों और जनता के बीच लोकप्रियता के बल पर पिछले स्थानीय निकाय चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहे थे.
युवा कांग्रेस में उनकी जबरदस्त पकड़ मानी जाती है. युवाओं में उनकी लोकप्रियता भी बहुत है. अपने सहज स्वभाव, सरल व्यक्तित्व, मृदुभाषिता से सबको अपना बना लेने वाले अंकुर वर्मा का नाम अब तक किसी खेमे के साथ नहीं जुड़ा है. इसलिए उनके नाम पर कांग्रेस में भी कोई विरोध नहीं रहा.
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अंकुर वर्मा को ऐसे समय में बस्ती की कमान मिली है जब पार्टी के पराभव का दौर चल रहा है.
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तमाम दिग्गज कांग्रेसी पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं या विरोध का स्वर बुलंद कर पार्टी में निष्क्रिय पड़े हुए है. ऐसे में सबको सहेज कर पार्टी को जनता के बीच खड़ा करना अंकुर वर्मा के लिए चुनौती होगी.

एक साथ कई मोर्चों पर लड़ना होगा अंकुर वर्मा को
पार्टी के स्थानीय सीनियर नेताओं को सहेजना भी कम मुश्किलों भरा नहीं होगा.
सबके अहम को संतुष्ट कर जनहित में सत्ता के खिलाफ संघर्ष करने में अंकुर वर्मा माहिर माहिर माने जाते है. प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी निभाने हुए भी अंकुर वर्मा लगातार बस्ती की जनता और स्थानीय कांग्रेस से जुड़े रहकर काम करते रहे.
पार्टी ने जिस तरह से अंकुर पर भरोसा जताकर बस्ती जिलाध्यक्ष का पद उन्हें इस विपरीत समय में सौंपा है उस पर उन्हें खरा उतरने के लिए कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना होगा.

कैसा रहा है कांग्रेस के अंकुर वर्मा का पिछला रिकॉर्ड
उनके पिछले रिकार्ड को देखा जाए तो विधानसभा, स्थानीय निकाय फिर लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर पसीना बहाकर पूरी ईमानदारी से काम किया है. इसका ईनाम उन्हें पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाकर दिया गया.
सत्तारूढ़ दल के दमनकारी नीतियों के खिलाफ निडर होकर जनहित में आवाज उठाना हो या सड़कों पर उतर कर संघर्ष करना हो अंकुर युवा राजनीति में सबसे आगे माने जाते है. उनके सामने चुनौतियों का अंबार है.
पार्टी के बुजुर्ग नेताओं की लंबी कतारें, उनके सम्मान को बचाकर फैसला करना, जनता के बीच कांग्रेस की नीतियों का प्रचार कर उन्हें पार्टी से जोड़ने जैसी बहुत सी चुनौतियां है. जिससे उन्हें पार पाना होगा.

Ankur verma को रणकौशल कांग्रेस को जमीन पर दिखाना होगा
स्थानीय निकाय चुनाव में जिस तरह से उनकी पत्नी ने दूसरे स्थान पर आकर राजनीतिक पंडितों को चौंकाया था. उसी से लग गया था की अंकुर वर्मा की लोकप्रियता समाज के हर वर्ग में है.
अब उन्हें यही रणकौशल कांग्रेस को जमीन पर दिखाना होगा.
जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सके. कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें ये जिम्मेदारी देकर पार्टी की खोई जमीन को फिर से पाने की कवायद किया है.
अंकुर वर्मा के आने से कांग्रेस को पंख भले ना लगे मगर पार्टी की स्थितियों में जरूर सुधार होने की पूरी गुंजाइश है.

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