गोरखपुर लखनऊ लिंक एक्स्प्रेस-वे पर जाने कितना लगेगा टोल

उत्तर प्रदेश की सड़कों का चेहरा बदलने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि अब अंतिम मुकाम पर है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जो पूर्वांचल को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने वाला एक महत्त्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, अब लगभग तैयार है. राज्य सरकार और यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) इसे इस वर्ष के मध्य यानी जून या जुलाई में शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं.
इस एक्सप्रेसवे से क्या होंगे फायदे?
यह हाईवे पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख जिलों:- गोरखपुर, आंबेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ के नागरिकों को तेज और सुरक्षित यात्रा का विकल्प देगा. इन जिलों के किसान, व्यापारी, छात्र और मजदूर अब कम समय में राजधानी लखनऊ और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे. इस 91.35 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 7,283.28 करोड़ रुपये है. यदि इसे प्रति किलोमीटर आधार पर देखा जाए, तो यह अब तक का सबसे खर्चीला राजमार्ग बन गया है. इसमें दो मुख्य लेन और सात रैम्प शामिल हैं, जिससे न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि जाम की समस्या भी कम होगी.
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यूपीडा ने इसके संचालन के लिए एक अनुभवी एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है, जिसे न सिर्फ टोल टैक्स की वसूली करनी होगी बल्कि चार हाई-टेक एम्बुलेंस, चार सेफ्टी इंस्पेक्शन वाहन और चार पेट्रोलिंग गाड़ियाँ भी लगातार चलानी होंगी ताकि यात्रियों को किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके. यूपीडा के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे से पहले साल में ही करीब 60 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है. इसका सीधा मतलब है कि यह न केवल एक यात्रा मार्ग रहेगा, बल्कि राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी का भी सशक्त माध्यम बनेगा.
टोल दरें और मासिक पास
- दोपहिया वाहन: ₹140
- कार/छोटे वाहन: ₹285
- हल्के वाणिज्यिक वाहन: ₹440
- बस और ट्रक: ₹840
- भारी निर्माण मशीनरी: ₹1335
- ओवरसाइज वाहन: ₹1745
(रिटर्न यात्रा करने पर यात्रियों को कुल राशि पर 25% की छूट मिलेगी।)
जो लोग एक्सप्रेसवे का नियमित उपयोग करते हैं, उनके लिए मासिक पास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है:
- दोपहिया/तीनपहिया: ₹2,280
- कार/जीप आदि: ₹4,560
- हल्के वाणिज्यिक वाहन: ₹7,050
- बस/ट्रक: ₹13,430
- भारी मशीनरी वाहन: ₹21,390
- ओवरसाइज वाहन: ₹27,910
टोल वसूली में किसका सबसे बड़ा हिस्सा?
- भारी निर्माण वाहनों से 67% टोल
- कार-जीप जैसी गाड़ियों से 37%
- बस और ट्रकों से 16%
- मिनी बस जैसे वाहनों से 11%
यह एक्सप्रेसवे न केवल एक यात्रा मार्ग है, बल्कि यह व्यापार, परिवहन, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों को भी मजबूती प्रदान करेगा. सड़क के किनारे जल्द ही ढाबे, पेट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और टूरिज्म आधारित व्यवसाय पनपने की संभावनाएं भी प्रबल हो जाएंगी. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत देता है. आने वाले समय में यह एक्सप्रेसवे लाखों यात्रियों की ज़िंदगी को गति और सुरक्षा देगा.