यूपी में इन गाँव में योगी सरकार करेगी यह ख़ास काम, देखें पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी है. इस सिलसिले में पंचायतीराज विभाग ने चुनावी तैयारियों के साथ-साथ ग्राम पंचायतों और राजस्व गांवों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को भी गति दे दी है. बताया जा रहा है कि यह चुनाव अप्रैल 2026 तक कराए जाने की योजना है, और इसके लिए तमाम प्रशासनिक स्तरों पर कार्य शुरू कर दिया गया है.
पिछले पंचायत चुनाव वर्ष 2021 में कराए गए थे. इसके बाद बीते वर्षों में राज्य के कई इलाकों में तेजी से शहरीकरण हुआ है, जिससे कई ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में सम्मिलित कर दिया गया. नतीजतन, कई ऐसे गांव जो पहले ग्रामीण थे, अब शहरी सीमा में आ चुके हैं. ऐसे गांवों की ग्राम पंचायतें अब न के बराबर हो गई हैं या उनकी जनसंख्या तय मानक से कम हो गई है. पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत की न्यूनतम आबादी एक हजार हो. जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या एक हजार से कम है या जिनका बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्र में शामिल हो चुका है, उन्हें आसपास की ग्राम पंचायतों में जोड़ा जाएगा. यदि कोई ग्राम पंचायत पूरी तरह शहरी क्षेत्र में चली गई है और वहां का कोई राजस्व गांव मानकों के मुताबिक स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनने की पात्रता रखता है, तो उसे एक नई ग्राम पंचायत के रूप में गठित किया जाएगा.
इस पुनर्गठन कार्य के लिए प्रत्येक जिले में एक चार-सदस्यीय समिति बनाई जा रही है. इस समिति की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे, जबकि मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और जिला पंचायतीराज अधिकारी इसके सदस्य होंगे. यह समिति यह तय करेगी कि कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें और राजस्व गांव अब पुनर्गठित किए जाने योग्य हैं. राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को 5 जून तक इस संबंध में प्रस्ताव भेजने को कहा है. प्रभावित विकास खंडों की ग्राम पंचायतों और राजस्व गांवों को संशोधित अधिसूचना के माध्यम से हटाया जाएगा और बचे हुए गांवों को समीपस्थ ग्राम पंचायतों में सम्मिलित किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश की ग्राम पंचायतों की वास्तविक संख्या और नई स्थिति स्पष्ट होगी.
फिलहाल उत्तर प्रदेश में कुल 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं. चुनाव की तैयारियों में तेजी लाते हुए आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया भी पुनर्गठन के साथ-साथ की जाएगी, जिससे समय रहते आरक्षित सीटों की सूची तैयार हो सके. चुनाव प्रक्रिया के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू के तहत राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव 2026 के लिए 1,27,863 नई मतपेटिकाओं की आपूर्ति हेतु टेंडर जारी कर दिया है. उप निर्वाचन आयुक्त संत कुमार ने जानकारी दी कि ये मतपेटिकाएं उच्च गुणवत्ता वाली सीआर शीट ग्रेड CR-1 से निर्मित होंगी. इनकी आपूर्ति 4 महीने के भीतर पूरी करनी होगी. इस टेंडर में वही संस्थाएं भाग ले सकेंगी जिनका पिछले 5 सालों में कम से कम 15 करोड़ रुपये मूल्य के समान उत्पादों का आपूर्ति अनुभव हो और जिनका वार्षिक टर्नओवर कम से कम 3 करोड़ रुपये हो. प्रतिभागियों को ₹35,400 शुल्क के साथ ₹30 लाख की धरोहर राशि भी जमा करनी होगी. अब योगी सरकार आगामी पंचायत चुनाव को समयबद्ध और व्यवस्थित ढंग से कराने के लिए प्रतिबद्ध है.