OPINION: शहबाज शरीफ के पास चीन,सऊदी के सामने शरणागत होना अंतिम विकल्प?

OPINION: शहबाज शरीफ के पास चीन,सऊदी के सामने शरणागत होना अंतिम विकल्प?
Shehbaz Sharif (Photo credit twitter.com_CMShehbaz_status_1574988675212902401_photo_1)
संजीव ठाकुर
भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह कंगाल हो चुका है. उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है .जनता महंगाई से त्रस्त हो चुकी है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है. पाकिस्तान विश्व बैंक,एशियन डेवलपमेंट बैंक और सऊदी अरेबिया, तुर्किस्तान ,ईरान और सबसे बडे कर्ज दाता चाइना के कर्ज से सिर से पैर तक डूबा हुआ है. वहां की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वह कर्ज का ब्याज तक नहीं पटा पा रहा हैl पाकिस्तानी न्यूज़ एजेंसीओं के अनुसार पीएम शहबाज शरीफ जल्द ही चीन की तरफ दौड़ लगा सकते हैंl पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति के चक्रव्यूह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इस कदर उलझ गए हैं कि उन्हें चीन के सामने शरणागत होने के अलावा कोई रास्ता नहीं सुझाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि उनकी चीन यात्रा का मकसद चीन से उधारी लेने का ही है,पर ऊपरी तौर पर उनकी यात्रा दिखावे के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. वस्तुस्थिति यह है कि पाकिस्तान इन दिनों तंगहाली के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डावाडोल हो चुकी है, कि उनके दिवालिया होने के आसार नजर आ रहे हैं.
 
पाकिस्तान सरकार के ऊपर कर्ज़ इतना बढ़ गया है कि उसको अदा करने के लिए इमरान सरकार के पास कोई तरकीब नजर नहीं आ रही है और चीन के सामने शरणागत होने और हाथ फैलाने के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं बचा है. प्रधानमंत्री की पूर्व चीन यात्रा का एलान चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के लिए प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने किया है. पाकिस्तान में जारी राजनीतिक बड़ी स्थिरता और चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर मैं कार्यरत चीनी इंजीनियरों पर हमले से नाराज चीन ने कई परियोजनाओं को बंद कर फंडिंग देना बंद कर दिया है. पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि की यात्रा से पाकिस्तान और चीन के रिश्ते मजबूत होने की संभावना है और पाकिस्तान चीन से अपने देश के लिए रोजमर्रा के खर्चे के लिए फंड मांगने जाएगा.
 
उल्लेखनीय है कि ग्वादर बलूचिस्तान एरिया में चीन चीन द्वारा बनाई जा रही बेल्ट एंड रोड की पहल प्रमुख योजना के रूप में मानी जाती है, जिसमें चीन 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च करने वाला है. वहां पर चीन तथा पाकिस्तान का खुलकर आम जनता द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. शी जिनपिंग की स्वप्न दर्शी योजना में पाकिस्तान को अरबों डॉलर मिलने की संभावना है. चीन बेल्ट एंड रोड परियोजना के माध्यम से विश्व स्तर पर अपने प्रभाव को बहुत आगे बढ़ाना चाहता है.यह भी महत्वपूर्ण है कि यह परियोजना राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे पसंदीदा योजना है.चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर प्राधिकरण ने कहा इमरान खान ने पाकिस्तान में चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के कारण उद्योगों को काम से पैदा होने वाले रोजगार के अंतर को देखा है, और चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर से पाकिस्तान के अंदर थार कोयला ऊर्जा योजना का सपना भी पाकिस्तान सरकार का पूरा हुआ है. चीन की यह विदेश नीति रही है कि वह पहले किसी भी देश में अपनी परियोजना तथा आर्थिक योजना को लागू करवा कर उस देश को इतना कर्जदार बना देता है कि उसकी सारी शर्तों को मानना उस देश के लिए मजबूरी हो जाती है.
 
पाकिस्तान उसका सबसे ताजा और खराब उदाहरण है. इसके अलावा बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और अन्य देश जो उसके कर्ज से दबे हुए हैं. वह उनके गुलामों की तरह उन सब से व्यवहार करता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मजबूरी यह है की विपक्ष और पाकिस्तानी मीडिया उनका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है, पाकिस्तान सरकार के पास रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए अब आर्थिक आधार भी नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान सरकार के पास चीन सऊदी अरेबिया और इंटरनेशनल फंड के के सामने नतमस्तक होने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं है.
संजीव ठाकुर,
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