योगी सरकार का बड़ा प्लान, 15 करोड़ श्रद्धालु, 450 CCTV, VIP प्रोटोकॉल खत्म
माघ मेला 2026
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार 15 से 25 लाख कल्पवासी होंगे और पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. माघ मेला 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक 44 दिन चलेगा. मौनी अमावस्या जैसे बड़े स्नान पर्व पर एक ही दिन में 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की संभावना है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय से समय पर काम पूरा करें. प्रमुख स्नान पर्वों पर वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा. 31 दिसंबर 2025 तक सभी तैयारियां पूरी करने के आदेश दिए गए हैं.
मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर 800 हेक्टेयर कर दिया गया है. सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 की गई है. स्नान घाटों की लंबाई में 50% वृद्धि, 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल, बेहतर सड़क और यातायात व्यवस्था की जा रही है.
सुरक्षा के लिए 450 सीसीटीवी कैमरे, एआई आधारित सर्विलांस और क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी. अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. मेला क्षेत्र में 16,650 शौचालय, 3,300 सफाई मित्रों की 24 घंटे तैनाती होगी. स्वच्छताकर्मियों का मानदेय 15 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा. गंगा-यमुना की शुद्धता के लिए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज व्यवस्था लागू होगी.
स्वास्थ्य सुविधाओं में 2 अस्पताल (20-20 बेड), 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक सेवाएं होंगी. नदी और बाढ़ प्रबंधन के लिए तटबंध, जेट्टी निर्माण (85% पूरा), और नियमित निगरानी की जा रही है. मॉक ड्रिल और अग्निशमन की पुख्ता व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं.
नवाचार के तहत ऐप आधारित बाइक-टैक्सी, क्यूआर कोड पहचान, निर्बाध बिजली, जियो-ट्यूब तकनीक और प्री-फैब्रिकेटेड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे.
पर्यटन व संस्कृति विभाग लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा. साथ ही पुराने माघ मेलों से जुड़े अभिलेख और दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगेगी.
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विकास कुमार पिछले 20 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उत्तर प्रदेश की राजनीति पर इनकी मजबूत पकड़ है, विधानसभा, प्रशासन और स्थानीय निकायों की गतिविधियों पर ये वर्षों से लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। विकास कुमार लंबे समय से भारतीय बस्ती से जुड़े हुए हैं और अपनी जमीनी समझ व राजनीतिक विश्लेषण के लिए पहचाने जाते हैं। राज्य की राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक भरोसेमंद पत्रकार की पहचान देती है