बस्ती में महिलाओं के लिए रोजगार की पहल, कृषि विज्ञान केंद्र में 5 दिन का प्रशिक्षण सफल
केंद्र प्रभारी पी. के. मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों के साथ घरेलू प्रसंस्करण, स्वरोजगार और आय सृजन से जुड़ी रणनीतियों पर चर्चा की गई. प्रशिक्षण कोर्स कोआर्डिनेटर एवं गृह विज्ञान वैज्ञानिक अंजलि वर्मा ने मौसमी फल-सब्जियों और गन्ना आधारित उत्पादों के वैज्ञानिक प्रसंस्करण, पोषण संरक्षण, गुणवत्ता मानकीकरण तथा लागत-लाभ विश्लेषण पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण को पूर्णतः व्यावहारिक, सहभागिता आधारित और रोजगारोन्मुख बनाया गया.
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को यह जानकारी दी गई कि वे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कम पूंजी में घर से ही मूल्य संवर्धित उत्पाद तैयार कर सकती हैं और नियमित आय अर्जित कर सकती हैं. स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा मानक, पैकेजिंग, लेबलिंग और बाजार के अनुसार उत्पाद तैयार करने पर विशेष जोर दिया गया.
प्रशिक्षण में आंवला अचार, आंवला कैंडी, कांजी, मुरब्बा, मिक्स अचार, चटनी, सिरका और टमाटर सॉस जैसे उत्पाद तैयार कराए गए. पौध सुरक्षा वैज्ञानिक प्रेम शंकर ने प्रसंस्कृत उत्पादों में कीट-रोग नियंत्रण और सुरक्षित भंडारण की जानकारी दी. वैज्ञानिक वी. बी. सिंह ने मौसमी फल-सब्जियों की उन्नत किस्मों और गुणवत्तायुक्त कच्चे माल के चयन पर प्रकाश डाला.
कृषि प्रसार वैज्ञानिक आर. वी. सिंह ने मूल्य संवर्धन आधारित उद्यमिता, स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, विपणन संभावनाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी. शस्य वैज्ञानिक हरिओम मिश्रा ने खाद्य प्रसंस्करण में उपयोग होने वाले लघु यंत्रों, उपकरणों और किफायती तकनीकों पर व्यावहारिक जानकारी साझा की.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 महिला प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. यह प्रशिक्षण ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करने वाला साबित हुआ.
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