Januvary की 'V' ने खोल दी योगी सरकार के दावों की पोल, बस्ती से आई शर्मनाक तस्वीर
मीडिया द्वारा जब कॉलेज की प्रिंसिपल से सामान्य शैक्षणिक प्रश्न पूछे गए तो स्थिति और भी चौंकाने वाली नजर आई. प्रिंसिपल से जब Education की स्पेलिंग पूछी गई तो उन्होंने Educaion बताया. वहीं January की स्पेलिंग पूछने पर जवाब मिला Januvary. कई अन्य सवालों में भी वे सही उत्तर नहीं दे सकीं.
इसके बाद प्रिंसिपल ने सवालों को फालतू प्रश्न बताते हुए कहा कि वे सीधे आयोग से आई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आप हिंदी में पूछिए और फिर यह बयान दिया कि एक दिन समय दीजिए, उस दिन अधिकारियों की मौजूदगी में सभी सवालों के जवाब दिए जाएंगे. जब Principal की स्पेलिंग पूछी गई तो जवाब आया Principle.
विद्यालय की हालत को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं. पूरे स्कूल में केवल करीब 200 छात्राएं ही पढ़ रही है हैं, जबकि हर महीने करीब 16 लाख रुपये का खर्च बताया जा रहा है. इसके बावजूद स्कूल में मेंटेनेंस, सुविधाएं और बुनियादी ढांचा बेहद खराब स्थिति में है.
बाद में विज्ञान विषय की शिक्षिका से Science की स्पेलिंग पूछी गई, लेकिन वे बिना जवाब दिए वहां से चली गईं. मामले पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि उनकी ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.
वहीं इस पूरे मामले पर भाजपा नेता आशीष शुक्ला ने मीडिया से कहा
जब शिक्षक ही बुद्धिजीवी नहीं होंगे तो बच्चों को क्या पढ़ाएंगे? उन्होंने कॉलेज की प्रिंसिपल माया कुमारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है.
स्कूल की स्थिति ने सीएम योगी के दावों पर खड़े किए सवाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश का शिक्षा विभाग अब अपनी पुरानी छवि से बाहर निकल चुका है. उन्होंने बताया था कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रदेश के 97 प्रतिशत स्कूलों में टाइल, शौचालय, फर्नीचर जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, जिससे सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार हुआ है.
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विकास कुमार पिछले 20 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उत्तर प्रदेश की राजनीति पर इनकी मजबूत पकड़ है, विधानसभा, प्रशासन और स्थानीय निकायों की गतिविधियों पर ये वर्षों से लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। विकास कुमार लंबे समय से भारतीय बस्ती से जुड़े हुए हैं और अपनी जमीनी समझ व राजनीतिक विश्लेषण के लिए पहचाने जाते हैं। राज्य की राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक भरोसेमंद पत्रकार की पहचान देती है