यूपी के इन तीन जिलों को भी मिल सकती है मेट्रो की सौगात!

यूपी के इन तीन जिलों को भी मिल सकती है मेट्रो की सौगात!
यूपी के इन तीन जिलों को भी मिल सकती है मेट्रो की सौगात!

उत्तर प्रदेश: देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर केंद्र सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है. इसी क्रम में शहरी परिवहन को भविष्य के अनुरूप ढालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है. उत्तर प्रदेश के 3 प्रमुख शहरों में मेट्रो नेटवर्क को लंबे समय के लिए योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की तैयारी अब औपचारिक रूप ले चुकी है.

आने वाले 23 सालों की जरूरतों पर बनेगी रणनीति

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने वर्ष 2025 से 2047 तक के लिए लॉन्ग टर्म मेट्रो डेवलपमेंट प्लान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना के अंतर्गत शहरों की मौजूदा जरूरतों के साथ-साथ भविष्य में बढ़ने वाली आबादी, नए आवासीय क्षेत्र और औद्योगिक विस्तार को भी ध्यान में रखा जाएगा. सरकार चाहती है कि आने वाले सालों में यातायात व्यवस्था सुचारू, सुगम व सुरक्षित बने.

विकास प्राधिकरणों से मांगा गया सहयोग

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने लखनऊ, कानपुर और आगरा के विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को पत्र भेजकर सहयोग की मांग की है. इसमें इन संस्थाओं से उनके मास्टर प्लान, प्रस्तावित परियोजनाओं और भविष्य की विकास योजनाओं की जानकारी मांगी गई है. जिससे मेट्रो के रूट और स्टेशन ऐसे इलाकों में तय किए जा सकें, जहां आने वाले वर्षों में बसाहट और कारोबार बढ़ने वाला है.

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शहरी नियोजन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार शहर का विकास एक दिशा में होता है और मेट्रो रूट दूसरी दिशा में चला जाता है. इससे लोगों को स्टेशन तक पहुंचने में परेशानी होती है. इस बार सरकार और मेट्रो प्रशासन मिलकर ऐसी योजना बना रहे हैं, जिससे शहर का विस्तार और मेट्रो नेटवर्क एक-दूसरे के समान्तर बन सकें.

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मेट्रो ही नहीं, अन्य विकल्पों पर भी नजर

इस पूरी कवायद के अंतर्गत सिर्फ मेट्रो पर ही निर्भर नहीं रहा जाएगा. यूपीएमआरसी वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा. इसमें यह भी तय किया जाएगा कि किन इलाकों में मेट्रो बेहतर रहेगी और कहां अन्य मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं. यानी जरूरत के हिसाब से परिवहन का मॉडल चुना जाएगा.

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केंद्र सरकार से मिली हरी झंडी

इस महत्वाकांक्षी योजना को केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है. मंत्रालय ने न केवल इस प्लान को स्वीकृति दी है, बल्कि संबंधित शहरों में मेट्रो विस्तार के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी जारी कर दिया है. इससे अब परियोजना को आगे बढ़ाने में कोई औपचारिक अड़चन नहीं रह गई है.

किन शहरों पर होगा सबसे ज्यादा असर

इस लॉन्ग टर्म प्लान का सीधा लाभ उत्तर प्रदेश के तीन बड़े और महत्वपूर्ण शहरों लखनऊ, कानपुर और आगरा को मिलेगा. ये शहर प्रशासनिक, औद्योगिक और पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश की रीढ़ माने जाते हैं. मेट्रो नेटवर्क के सुनियोजित विस्तार से यहां न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि रोजगार, निवेश और आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार मिलेगी.

वर्ष 2047 तक की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा यह मेट्रो डेवलपमेंट प्लान परिवहन परियोजना के साथ-साथ शहरी विकास के लिए उपयोगी है. सरकार का लक्ष्य है कि जब देश आज़ादी के 100 साल पूरे करे, तब उसके शहर आधुनिक, सुव्यवस्थित और रहने के लिए बेहतर हों. यह योजना जमीन पर उसी तरह उतरी, जैसी कागजों पर बनाई जा रही है, तो उत्तर प्रदेश के ये 3 शहर आने वाले समय में स्मार्ट और सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट की मिसाल बन सकते हैं.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।