यूपी में ओडीओपी को रफ्तार देगी योगी सरकार, 3 महीनों की कार्ययोजना तैयार

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई "एक जनपद, एक उत्पाद" (ODOP - One District One Product) योजना ने राज्य के पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान दी है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई पहलें कर रही है, जिससे न सिर्फ स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी.
ओडीओपी को नई रफ्तार देगी योगी सरकार
सरकार की नई रणनीति के तहत ODOP उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ समझौते किए जा रहे हैं। अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी से अब स्थानीय उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंच सकेंगे। इससे कारीगरों की आय में बढ़ोतरी होगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. ODOP के तहत कारीगरों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कैंप और कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं. डिज़ाइन, पैकेजिंग और मार्केटिंग में सुधार के लिए एनआईएफटी और अन्य संस्थानों की मदद ली जा रही है. इससे उत्पादों की गुणवत्ता और मांग दोनों में वृद्धि होगी. सरकार ODOP उत्पादों से जुड़े उद्यमों को सस्ता ऋण, सब्सिडी और अन्य वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है. "विश्वकर्मा श्रम सम्मान" और "मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना" जैसी योजनाओं को ODOP के साथ जोड़ा गया है, ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सके. योगी सरकार की यह नई पहल ODOP को सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन का रूप दे रही है. इससे न केवल परंपरागत उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है, बल्कि "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
स्वरोजगार के लिए वित्त पोषण, कौशल विकास पर जोर
आज के बदलते आर्थिक परिवेश में युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना समय की मांग है. इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. उत्तर प्रदेश सरकार विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और कारीगरों के लिए वित्तीय सहायता और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही है. सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. "मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना", "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना" और "स्टार्टअप इंडिया" जैसी पहलों के माध्यम से युवाओं को आसान शर्तों पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है. इससे उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने और आगे बढ़ाने का अवसर मिल रहा है. साथ ही, कई योजनाओं में सब्सिडी और ऋण माफी की भी सुविधा उपलब्ध है, जिससे जोखिम कम होता है. वित्तीय सहायता के साथ-साथ कौशल विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. "प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना" और "कुशल युवा कार्यक्रम" जैसे अभियानों के जरिए युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों (SHG) को भी ऋण और प्रशिक्षण की सुविधा दी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए "राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन" (NRLM) के तहत विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं. इससे महिलाओं को छोटे व्यवसाय, डेयरी, बुनाई, हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है.