योगी सरकार ने दिया तोहफा ,मानदेय पर पढ़ा रहे यह शिक्षक होंगे अस्थाई

योगी सरकार ने दिया तोहफा ,मानदेय पर पढ़ा रहे यह शिक्षक होंगे अस्थाई
Yogi government

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है, जिससे प्रदेश के संस्कृत शिक्षक जो मानदेय  पर काम कर रहे हैं, उनकी स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा। योगी सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत शिक्षकों को अब स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा खासकर उन संस्कृत शिक्षकों के लिए जो लंबे समय से अस्थायी रूप से कार्य कर रहे थे।

योगी सरकार देने जा रही बड़ी सौगात

संस्कृत भारतीय संस्कृति और ज्ञान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस भाषा को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। योगी सरकार का मानना है कि संस्कृत का ज्ञान केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि समग्र भारतीय ज्ञान परंपरा को समझने के लिए भी जरूरी है। इसलिए संस्कृत शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति से ना केवल शिक्षक वर्ग को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि विद्यार्थियों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। सरकार संस्कृत विद्यालयों के टीचरों को बड़ी सौगात देने जा रही है। संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत शिक्षकों को जल्द ही नियमित किया जाएगा। राज्य सरकार राजकीय एवं ऐडेड संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर कार्य कर रहे 1010 शिक्षकों को नियमित करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस संबंध में बीते जनवरी में ही एक प्रस्ताव शासन को भेज चुका है। बताया जाता है कि संस्कृत शिक्षकों की विनियमितीकरण में किसी प्रकार की तकनीकी या कानूनी अड़चन न आए इसके लिए विधि विभाग व सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो से राय मांगी जा रही है। राय प्राप्त होते ही शासन स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी और कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त कर विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि विनियमितीकरण की यह प्रक्रिया नजीर न बन जाए इसके लिए इस बारे में जारी होने वाले शासनादेश में बकायदा इस बात का उल्लेख किया जाएगा कि इसका किसी अन्य संवर्गों के लिए नजीर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

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मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत के टीचर होंगे स्थाई

मानदेय पर कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए स्थायी नियुक्ति एक बड़ी राहत होगी। अस्थायी रूप से काम करने के कारण उन्हें स्थिरता और सुरक्षा का अभाव रहता था। स्थायी नियुक्ति से उन्हें नौकरी की सुरक्षा मिल सकेगी जिससे वे अपने काम में अधिक समर्पित हो सकेंगे। सरकार की मंशा है कि रिक्त पदों को शीघ्र भर दिया जाए। चूंकि नियुक्तियों के माध्यम से पदों को भरने की प्रक्रिया काफी लम्बी है और उसके लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजकर तमाम तरह की प्रक्रिया करनी पड़ती जिसमें लम्बा समय लगने का अंदेशा है। ऐसे में इसके लिए एक नया रास्ता निकाला जा रहा है। जिसके तहत मानदेय वाले शिक्षकों को उनकी सेवाकाल के लिए विशेष अंक देकर उनकी परीक्षाएं एवं साक्षात्कार लेकर पात्र पाए जाने पर विनियमितीकरण करने की योजना है। इसमें नियुक्ति की भंति एक निश्चित प्रक्रिया को अपनाते हुए मानदेय पर कार्य कर रहे संस्कृत शिक्षकों को नियमित किए जाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद संस्कृत शिक्षकों के विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रदेश में राजकीय व सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में कुल 2080 पदों में से मात्र 955 पद ही भरे हुए हैं, शेष 1125 पद रिक्त हैं। स्थायी शिक्षक शिक्षा में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। जब शिक्षक का मनोबल ऊंचा होता है, तो वे अपने विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से शिक्षित कर पाते हैं। स्थायी नियुक्ति से शिक्षक अपनी भूमिका में अधिक संजीदगी और उत्साह से काम करेंगे।

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