UP: 5 साल का बच्चा कर रहा है 150 KM की कांवड़ यात्रा
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यूपी में दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है. अब यह खबर सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में तीव्र गति से वायरल हो रहा है. कावड़ यात्रा के दौरान बच्चों और परिवार के सदस्यों द्वारा बुजुर्ग की सेवा देखकर यह साबित हो रहा है की भक्ति सिर्फ आस्था नहीं अपितु सेवा में भी हो सकती है.
मिलिए कलयुग के श्रवण कुमार से
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा तहसील क्षेत्र का करीब करीब 5 वर्षीय आरव इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा में बधा हुआ है. जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो में मासूम आरव अपने दादा-दादी के साथ हरिद्वार से अलीगढ़ तक कावड़ यात्रा सावधानीपूर्वक करवा रहा है. इस दौरान नेहरू चुंगी से गुजरते हुए आरव की यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है.
आगे बताया गया है की छोटी उम्र में कावड़ यात्रा करने वाले आरव की हर कोई सराहना करने के लिए मजबूर हो चुका है. जिसमें आरव को इस उम्र में ठीक से बोलना भी नहीं आता है. लेकिन इस छोटे से बच्चों के अंदर हुनर और देश सेवा का जज्बा को देखकर हर कोई दंग हो चुका है. उन्होंने बताया है कि वह बड़ा होकर देश की सेवा के लिए फौजी पद पर तैनात करने की तैयारी करेगा हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने घर नगर अलीगढ़ की ओर जा रहा है या मासूम कि श्रद्धा देखकर कई लोग भावुक भी चुके हैं.
सेवा ही सच्ची भक्ति है
कावड़ यात्रा का पवन आयोजन हर वर्ष भक्तों में श्रद्धा तथा अनुशासन जागता है इस बार कुछ युवा अपने माता-पिता की सेवा की ऐसी मिसाल पेश कर रहे हैं जो आधुनिक श्रावण कुमार कहा जा रहा है. जब सेवा निस्वार्थ प्रेम और समर्पित इससे जुड़े तब आस्था आभा के रूप में मात्र भावना नहीं रहती अपितु जीवन के हर पहलू में व्याप्त होती है भक्ति तथा सेवा एक दूसरे के पूरक हैं जैसा कि कहा गया है सच्चा प्रेम स्तुति से नहीं, सेवा से ही प्रकट होता है.
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देश के इन युवाओं ने सिद्ध किया की आस्था की सेवा भाव को जोड़कर सामाजिक संस्कार तथा पुण्य कमाया जा सकता है. इन युवाओं ने ना सिर्फ धार्मिक यात्रा पूरी की है अपितु पारिवारिक जिम्मेदारी का जुनून दिखाया है. इस दौरान थकावट, धूप तथा साधनात्मक बाधाओ के बावजूद सेवा भाव में कोई कमी नहीं देखा गया है. इस बच्चे ने अपने माता-पिता को तीर्थ करने के लिए हर स्तर से प्रयास किया है बिना फल की आकांक्षा से कम करके ही जीवन सफल माना गया है आज की पीढ़ियां, महिलाएं, बेटे और बहुएं सेवा भाव की आत्मसात कर रही हैं उनकी यह यात्रा सार्वजनिक सम्मान से परिपूर्ण हो रही है. आरव के जज्बे को देखकर हर शिव भक्त खुश और मंत्रमुग्ध हो चुके हैं.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।