यूपी के इन रूट के हाईवे में लगेगा यह खास सिस्टम, यातायात व्यवस्था में होगा सुधार
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भारत में सड़क परिवहन और यातायात व्यवस्था में सुधार करने के लिए विभिन्न आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण तकनीक है एटीएमएस उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली जिसे अब देश के प्रमुख हाईवे पर लागू किया जा रहा है. एटीएमएस सिस्टम के माध्यम से सड़क सुरक्षा यातायात नियंत्रण और प्रबंधन में बड़ा सुधार लाने की योजना है.
जानें क्या है एटीएमएस सिस्टम, जिसे हाईवे पर किया जा रहा लागू
एटीएमएस एक स्मार्ट तकनीकी प्रणाली है. जिसे ट्रैफिक की स्थिति और यातायात के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस प्रणाली में विभिन्न प्रकार के सेंसर, कैमरे, और सूचना प्रणालियों का उपयोग किया जाता है, जिससे सड़क पर वाहनों का संचालन और ट्रैफिक कंट्रोल को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके, हादसों और जाम से बचाने के लिए दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लेस होगा। इनको नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाएगा. किसी भी घटना पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की क्विक रिस्पांस टीम पहुंचेगी. डिस्प्ले स्क्रीन लगाई जाएंगी और उन पर जानकारी अपलोड होती रहेगी। यह काम 12-15 महीने में पूरा हो जाएगा. नियंत्रण कक्ष से यातायात पुलिस समेत अन्य जरूरी विभागों से भी संपर्क कर मौके पर मदद पहुंचाई जा सकेगी. हाईवे से कितने वाहन गुजरे, कितनी गति है इसका भी पता चल जाएगा. सड़कों की स्थिति का भी पता चल सकेगा. एनएचएआई के घटना प्रबंधक आवेश खान ने बताया कि एटीएमएस लगने से हाईवे का सफर बेहद सुगम हो जाएगा. नियंत्रण कक्ष से ये कनेक्ट होंगे, जिसकी हर पल की जानकारी मिल सकेगी. हादसों से बचाव होगा-जाम की भी जानकारी मिल सकेगी. दिल्ली से आगरा तक का कार्य 2026 तक पूरा हो जाएगा.
कैसे करेगा काम, कम हों जाएंगे रोड एक्सीडेंट
एटीएमएस मुख्य उद्देश्य यातायात में सुधार करना. दुर्घटनाओं को कम करना. सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके तहत यातायात की निगरानी. मार्ग योजना. पार्किंग नियंत्रण. और सड़क की स्थिति को रियल टाइम में मॉनिटर किया जाता है. दिल्ली से आगरा (वाटर वर्क्स) तक हर एक किमी की दूरी पर एटीएमएस और डिस्प्ले स्क्रीन लगेंगी. थ्रीडी कैमरा एक किमी की दूरी तक सभी घटनाओं को कैद कर सकेगा. इनके लिए दिल्ली, फरीदाबाद, मथुरा और आगरा में नियंत्रण कक्ष बनेंगे. हाईवे पर सड़क हादसा, वाहन खराब होने समेत अन्य वजह से जाम लगने जैसी स्थितियों पर कैमरे के जरिए नियंत्रण कक्ष में जानकारी हो जाएगी. हाईवे के सभी डिस्प्ले स्क्रीन पर यह जानकारी अपलोड हो जाएगी. तत्काल क्विक रिस्पांस टीम पहुंचेगी. हादसा होने पर एंबुलेंस भी पहुंचेगी, जिससे घायलों को तत्काल उपचार के लिए भेजा जा सके. सिस्टम में सड़क पर कैमरे और सेंसर लगाए जाते हैं. जो ट्रैफिक की स्थिति की निगरानी करते हैं. इन सेंसरों के माध्यम से यह सिस्टम ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाएं और अन्य यातायात संबंधी समस्याओं को रियल.टाइम में पहचान सकता है और उसे नियंत्रित कर सकता है.
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ये मिलेंगी सुविधाएं
- यातायात बेहतर ढंग से संचालित होने के साथ सुरक्षित भी होगा।
- जाम की स्थिति कम होगी, जिससे समय और ईंधन बचेगा।
- घायलों को तत्काल पुलिस-चिकित्सकीय सुविधा मिल सकेगी।
- हाईवे की हर घटना और जानकारी नियंत्रण कक्ष में मिल सकेगी।
- मौसम, सड़कों पर गड्ढ़े समेत अन्य स्थिति का भी चलेगा पता।