13 साल बाद यूपी में शुरू हुआ यह ओवरब्रिज, इन जिलो को हुआ फायदा
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ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़ और सहारनपुर तक का सफर अब तेज और सुविधाजनक हो जाएगा। इसके लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैंए जो इन शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने का वादा करती हैं।
13 साल बाद ओवरब्रिज पर दौड़े वाहन
सबसे प्रमुख योजना है ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, जो ग्रेटर नोएडा को गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली से जोड़ने के लिए तैयार हो रहा है। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि सड़क परिवहन की गति भी तेज हो जाएगी। गाजियाबाद को जोड़ने वाले छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। इस पर वाहन भी दौड़ने लगे हैं। अब गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद जाने वाले लोगों को फाटक पर घंटों जाम में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। इसके अलावा यूपी के कई शहरों में भी जाना आसान हो जाएगा। इस ओवरब्रिज के बनने का लोगों को करीब 13 साल से इंतजार था। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इन शहरों में यात्रा और भी सुगम होगी। यह हवाई यात्रा के विकल्प के साथ.साथ सड़क और रेल कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही, दिल्ली मेट्रो और नोएडा मेट्रो के विस्तार से ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद, मेरठ और अलीगढ़ तक का सफर और भी आसान होगा। सड़क नेटवर्क के विस्तार के तहत नए एक्सप्रेसवे और रेललाइन का निर्माण हो रहा है, जिससे यातायात की सुविधा बेहतर होगी। जाम से बचने के लिए रोजाना लाखों लोग शाहबेरी और दादरी से होकर निकलते थे, जिससे लोगों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी। पहले जाम की समस्या होती थी इस रोड पर बड़े वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण रोड पर जाम लग जाता था। ट्रेन नजदीक होने के कारण अधिकतर फाटक बंद रहते थे। जिससे जाम कई किलोमीटर तक लगा रहता था। लेकिन अब जाम की समस्या नहीं रहेगी।
इन जिलों में पहुंचना होगा आसान
रेलवे की नई परियोजनाओं के तहत ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद और मेरठ की ओर ट्रेनों की सेवाएं बढ़ाई जाएंगी, जिससे यात्रा के समय में भारी कमी आएगी। फाटक पर ओवरब्रिज बनने के बाद अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लोग सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ होते हुए गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और जीटी रोड समेत कई शहरों में जा सकेंगे। अभी तक छपरौला रेलवे फाटक के कारण उन्हें घंटों फंसना पड़ता था। वहीं इस ओवरब्रिज के शुरू होने से छपरौला और उसके आसपास के गांव और रिहायशी सेक्टरों में रहने वाले करीब 6 लाख लोगों को अब जाम में नहीं फंसना पड़ना पड़ेगा। जानकारी मुताबिक, दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर छपरौला फाटक के पास आरओबी बनाने के लिए भारतीय रेलवे और प्रदेश सरकार के बीच 2012-13 में समझौता हुआ था। इस आरओबी को बनाने में करीब 84.43 करोड़ रुपए की लागत में से 38.25 करोड़ रुपए रेलवे को देने थे, जबकि 46.18 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार को वहन करना था। रेलवे ने वर्ष 2019 में ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया, जबकि पीडब्ल्यूडी की ओर से एप्रोच रोड नहीं बनाई गई। जिसके चलते काम रुक गया। करीब चार साल से अधूरे पड़े काम को पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड ने नई नीति बनाई। इसमें तय हुआ कि टू लेन रोड ओवरब्रिज का पूरा निर्माण रेलवे प्रशासन द्वारा कराया जाएगा। इसके तहत यहां की अड़चन दूर कर इस ओवरब्रिज पर वाहन दौड़ने लगे। हालांकि ओवरब्रिज पर अभी कुछ काम बाकी है, जिसे जल्द पूरा करने का दावा किया जा रहा है।