यूपी में तैयार हुआ यह ओवरब्रिज, लखनऊ से इस रूट पर आसान होगा सफर
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प्रदेश के लाखों यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है. लखनऊ.वाराणसी मार्ग पर लंबे समय से निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज अब पूरी तरह तैयार है और इसे 10 मई से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. इस पुल के चालू होते ही न सिर्फ जाम की समस्या से निजात मिलेगी. बल्कि दोनों शहरों के बीच का सफर अब और तेज, सुरक्षित और सुगम हो जाएगा.
यातायात में मिलेगा बड़ा सुधार
यह ओवरब्रिज लखनऊ और वाराणसी के बीच प्रमुख संपर्क मार्ग पर स्थित है. जहाँ रोजाना हजारों वाहन और यात्री आवागमन करते हैं. रेलवे लाइन पर बार.बार फाटक बंद होने से अब तक घंटों का समय बर्बाद होता था. लेकिन अब निर्बाध आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी. रेलवे पुल निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है और इसके 10 मई तक पूरा होने की उम्मीद है. दिन में जहां गर्मी से काम धीमा रहता है. रात में जनरेटर चलाकर पुल के गर्डर जोड़ने का काम तेजी से हो रहा है. पुल निर्माण कर रही कंपनी दिव्या इन्फ्राटेक लिमिटेड ने मार्च तक का समय बढ़ाने को कहा था,
लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना से 31 जनवरी तक एक लेन चालू करने का अल्टीमेटम दिया था. अब तक ट्रेनों के गुजरने के कारण घंटों जाम लग जाता था, जिससे एंबुलेंस स्कूल बसों और आम यात्रियों को भारी दिक्कत होती थी. ओवरब्रिज चालू होने के बाद ये सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और लखनऊ से वाराणसी तक का सफर 30 से 45 मिनट तक तेज हो सकता है. उनके स्थानांतरण और महाकुंभ के जाम में महीने भर काम पीछे हो गया है। इससे पहले फोरलेन निर्माणकर्ता कंपनी जीपीएल ने पुल का काम अधर में छोड़ दिया था, जिससे अभी तक बाईपास पर सड़क बनने के बाद भी आवागमन नहीं शुरू हो सका. स्थानीय निवासियों व्यापारियों और यात्रियों में जबरदस्त उत्साह है. उन्होंने इसे श्लंबे इंतजार के बाद मिली बड़ी राहत बताया. उद्घाटन के दिन स्थानीय प्रशासन एक छोटा कार्यक्रम भी आयोजित कर सकता है.
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जाम और देरी की समस्या से मिलेगी राहत
यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों को लंबे समय से हो रही परेशानी अब जल्द ही कम होती नज़र आएगी. राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे ढांचागत विकास कार्यों और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट उपायों के चलते यातायात में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है. रेलवे के इंजीनियरों व पुल बना रही कंपनी के इंजीनियरों की देखरेख में शेष काम दिन-रात तेजी से चल रहा है. पुल के पूर्वी भाग पर गर्डर की जोड़ाई का काम रेलवे लाइन के ऊपर पूरा किया जा रहा है. हाल ही में निर्मित रेलवे ओवरब्रिज, फलाईओवर, चौड़ी सड़कें और ट्रैफिक सिग्नल की स्मार्ट व्यवस्था ने कई शहरों में जाम की पुरानी समस्या को काफी हद तक कम कर दिया है. खासतौर पर लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों में इसका प्रभाव साफ दिख रहा है.
2015 से शुरू फोरलेन के बहुप्रतीक्षित हनुमानगंज बाईपास पर रेलवे ओवर ब्रिज का काम अब पूरा होने की कगार पर है. ब्रिज पर रेलवे लाइन के ऊपर दो महाक्रेन की मदद से पुल तैयार कर एक लेन पर आरसीसी सड़क भी ढाल दी गई है. लखनऊ-वाराणसी फोरलेन पर सफर करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. उनका 10 वर्ष का लंबा इंतजार खत्म हो जाएगा. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 10 मई से हनुमानगंज बाईपास के एक लेन पर आवागमन शुरू हो जाएगा। लोगों को पखरौली रेलवे क्रासिंग बंद होने पर जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी, क्योंकि रेलवे ओवरब्रिज के उत्तरी भाग पर सड़क ढलाई का काम शुरू हो गया है. सरकार का लक्ष्य है कि शहरों की यातायात व्यवस्था न सिर्फ सुविधाजनक हो. बल्कि समय की बचत और दुर्घटनाओं में भी कमी आए. इसके लिए आधुनिक तकनीक और संरचनात्मक बदलावों को प्राथमिकता दी जा रही है.