यूपी में इन 12 जिलों को मुख्यमंत्री योगी के तरफ से यह बड़ी सौगात, 1619 करोड़ रूपए जारी
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नई शिक्षा नीति से छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के साथ शिक्षा स्तर में सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। केद्र सरकार का नई एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ना है, ताकि विद्यार्थियों को आवश्यक कौशल व ज्ञान मिल सके।
नई शिक्षा नीति के उद्देश्य पर डाला प्रकाश
नई शिक्षा नीति में वह सब कुछ है जो वर्तमान परिदृश्य में छात्रों को आज जानने की आवश्यकता है। शिक्षा तंत्र को सुधार कर वैश्विक बनाने के लिए यह नीति लाई गई है। गरीब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का पूरा प्रयास किया गया है। लड़कियों दिव्यांगों के लिए भी अलग से प्रावधान किए गए हैं। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बच्चों को कांवेंट स्कूलों की तरह भौतिक वातावरण मिलेगा। इसके साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा मिलेगी। प्रदेश के बरेली, शाहजहांपुर, एटा, संभल, बिजनौर, अमरोहा सहित 12 जिलों में निर्माण कराया जाएगा। यूपी सरकार बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है। इसी क्रम में प्रदेश के 12 जिलों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से स्कूलों के निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव तैयार हो गया है। करीब 1619.56 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कार्य शुरू कराने की कार्रवाई की जाने वाली है। इन सभी स्कूलों के निर्माण कार्य कराने के लिए एजेंसी को चयन कर जगह भी चिह्नित कर ली गई है। मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूलों में बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखते हुए विशेष शिक्षकों का ध्यान रखा जाएगा, जिसमें शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर नियुक्ति किया जाएगा। शाहजहांपुर जिले के चिनौर में जमीन चिह्नित कर निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार होने लगी। निर्माण एजेंसी ने नापजोख कर नक्शा तैयार कर लिया है।
भारत की नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति लाने की प्रक्रिया 2015 से शुरू हुई थी, जिसमें ढाई लाख ग्राम पंचायतों 6600 विकासखंड 6000 नगरीय निकाय और 6 हजार 76 जिलों से करीब दो लाख सुझावों के बाद यह नई शिक्षा नीति लाने का कार्य किया गया है। नई शिक्षा नीति व्यक्ति के समग्र विकासए सभी को सुलभ शिक्षा देने और भारत में ज्ञान आधारित समाज बनाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए बनाया गया है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में खेल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूलों में विशेष व्यवस्था रहेंगी, जिसमें गार्ड रूम के साथ दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय बनेगा। वहीं इसके साथ बच्चों के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया जायेगा। बच्चों को एमडीएम के तहत विधिवत भोजन कराने के लिए रसोइया और किचन शेड बनाया जाएगा। बच्चों के हाथ धुलने के लिए विशेष व्यवस्था भी रहेगी तथा भवन को भव्य रूप से बनाने के साथ फुलवारी साज सज्जा तथा एलईडी लाइट की विशेष व्यवस्था रहेंगी। इन जनपदों में होगा निर्माण देवरिया, प्रतापगढ़, एटा, महराजगंज, बरेली, शाहजहांपुर, अमरोहा, बिजनौर, रामपुर, हापुड़, सम्भल तथा मुरादाबाद समेत अन्य जिलों में निर्माण कार्य होगा। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से स्कूलों में बच्चों की सेहत का विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत स्कूलों में भी न्यूट्रीशियन गार्डन तैयार किया जाएगा। निर्माण के साथ इसका विशेष ध्यान दिया जाएगा। यानी स्कूलों में पढ़ने आए बच्चों की सेहत की पूरी व्यवस्था की जाएगी।