यूपी के इस जिले में चल रही यह 6 परियोजना, मिलेंगी यह सुविधा
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं. इन योजनाओं के तहत छह प्रमुख जिलों में पर्यटन और शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक कायाकल्प की योजना बनाई गई है. यह पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी. बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी.
अन्य जिलों, आध्यात्मिक और विरासत सर्किट
इन पहलों से पर्यटन, निर्माण, परिवहन, हस्तशिल्प, और सेवा क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा. और राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी. इन योजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करेगा. बल्कि राज्य को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा. बांदा जिले के पर्यटन स्थलों को एक बार फिर नई ऊंचाई मिलेगी. शासन ने जिले के छह पर्यटन स्थलों के विकास के लिए दो करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की है. इन स्थलों में कार्ययोजना तैयार करा काम भी शुरू कराया जा चुका है. नरैनी में रनगढ़ किले की ओर जाने वाले पहुंच मार्ग का उच्चीकरण एवं स्ट्रीट फर्नीचर का कार्य किया जाएगा. वहीं जिला योजना से जनपद बांदा के तिंदवारी में स्थित कुरसेजा धाम मंदिर का पर्यटन विकास कार्य भी पर्यटन विभाग द्वारा कराया जा रहा है.
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में पर्यटन विकास के लिए छह परियोजनाएं चल रही हैं. विधान परिषद सदस्य जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा जनपद बांदा की तहसील बबेरू के ब्लॉक कमासिन के ग्राम पंचायत मुड़वारा में भादेबाबा स्थल का पर्यटन विकास कार्य राज्य सेक्टर पर स्वीकृत हुआ है. सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी द्वारा जनपद बांदा के ग्राम सोहाना गांछा विकासखंड बड़ोखर खुर्द तहसील बांदा सदर में सिद्ध बाबा स्थान का पर्यटन विकास कराया जाएगा. उत्तर प्रदेश में पर्यटन और शहरी विकास की योजनाओं के तहत रोजगार सृजन और स्थानीय विकास को प्राथमिकता दी जा रही है. इन पहलों के माध्यम से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है. बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी को दूर करने के लिए, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं. इन योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, कृषि उत्पादकता में सुधार, और स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे न केवल ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल रहा है. बल्कि वे अपने गांवों में ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं.
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ग्रामीण विकास और रोजगार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लघु उद्योगों को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया है. उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों से ही रोजगार सृजन और परिवारों का आर्थिक स्वावलंबन संभव है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना की शुरुआत की थी. जिसके माध्यम से परंपरागत उद्योगों को प्रोत्साहन दिया गया है. इस योजना के परिणामस्वरूप राज्य के निर्यात में 250 गुना वृद्धि हुई है. इसके अलावा एमएसएमई नीति के तहत उद्यमियों को 1000 दिनों तक कोई एनओसी की आवश्यकता नहीं है. जिससे उन्हें व्यवसाय स्थापित करने में सहूलियत मिल रही है. जिले के ग्राम पंचायत चंदौरा विकासखंड नरैनी स्थित कारूबाबा भगवान मंदिर का पर्यटन विकास क्षेत्रीय विधायक ओममणि वर्मा के प्रयास से कराया जाएगा.
इसी प्रकार ग्राम पंचायत लसडा/वसधरी में स्थित ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली का पर्यटन विकास जल शक्ति राज्य मंत्री/ विधायक तिंदवारी रामकेश निषाद जी द्वारा स्वीकृत कराया गया है. पर्यटन स्थलों की बदहाली को दूर करने के लिए शासन ने बुंदेलखंड के सभी जिलों से कार्ययोजनाएं मांगी थी। कुछ स्थानों में लंबे समय से वित्तीय स्वीकृति नहीं हो पाई थी. हाल ही में वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है. जनपद बांदा में पर्यटन विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं. शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं. प्रस्ताव के तहत शहरी स्थानीय निकायों को विकेंद्रीकृत रोजगार सृजन की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें शहरी कचरा संग्रहण, स्वच्छता, और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. इससे शहरी बेरोजगारी को कम करने और शहरों की स्वच्छता में सुधार हो रहा है.