बस्ती में अफसरों पर लटकी तलवार! वेतन रोकने के दिए निर्देश
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यूपी में राज्य सरकार की निगरानी अभी जल्द में ही कई जिले के ऊपर फोकस हुआ है. अधिकारियों के लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई गई है जिसमें कई अफसरों के वेतन रोकने का सख्त निर्देश दिया गया है. भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति अपनी गई दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जल मंत्री का गुस्सा सातवें आसमान पर
इसमें सरयू नदी की कटान से बचाव के लिए 33 करोड रुपए की धनराशि 26 छोटे ठोकर और चार स्पर पर बनाए जा रहे थे. आगे उन्होंने कहा है कि इन निर्माण कार्यों में उपयोग की जा रही जाल में छोटे-छोटे बोल्डर और काफी खाली जगह छोड़ी जा रही थी अब स्थिति कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर रूप से सवाल किया जा रहे हैं जिसमें नदी के तेज बहाव को रोकने के लिए बोल्डर का सही वजन तथा उनकी जमावट अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसमें मंत्री का पारा उस समय सातवें आसमान तक पहुंच चुका था जब उन्होंने यह लापरवाही अपने कड़ी आंखों से देखी.
लापरवाही की वजह से अधिकारी के वेतन रुके
अब इस कड़ी में इस तरह की घोर अनियमितता पाए जाने की वजह से देव सिंह ने तुरंत गंभीर रूप से नाराजगी जताया उन्होंने कहा कि यह काम किया जा रहा है या मजाक किया जा रहा है उन्होंने इस मौके पर मौजूद अधीक्षण अभियंता को तत्काल अधिशासी अभियंता का वेतन रोकने का सख्त निर्देश दे दिया उन्होंने स्पष्ट किया कि उपयोग की जा रही बोल्डर का वजन अब किसी भी हाल में 50 किलोग्राम से काम न होने पाए उन्होंने स्पष्ट तौर से साफ शब्दों में कहा कि इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही और गुणवत्ता से समझौता स्वीकार किसी भी कीमत पर नहीं किया जाएगा तथा दोषियों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाने की आदेश दे दिया है. अब यह कार्रवाई स्पष्ट तौर से दर्शाती है
सरकार बाढ़ बचाव निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही और अनुदेखी को बर्दाश्त करने के मूड में जरा सा भी नहीं है. इस दौरान सभी संबंधित अधिकारियों को 30 जून तक हर हाल में सभी निर्माण कार्यों को लेकर पूरा करने के लिए आदेश और सुझाव दिया है उन्होंने पूरा जोर देकर कहा है कि अब मानसून से पहले सभी तैयारियां मुकम्मल हो जानी चाहिए क्योंकि सरयू नदी के संभावित कटान और बाढ़ से बस्ती शहर के लोगों को और उनकी संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न आवे समय सीमा अधिकारियों के लिए एक बड़ा अल्टीमेट है बचे हुए समय में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए निर्माण कार्य को पूरा करना अति आवश्यक है.