अमेरिका से अवैध प्रवासियों में यूपी के इन जिलो के लोग आये वापस
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अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीयों में उत्तर प्रदेश के 3 निवासी शामिल हैं। इनमें मुजफ्फरनगर के रक्षित बालियान और देविंदर सिंह और पीलीभीत के गुरप्रीत सिंह शामिल हैं। निर्वासन कारणों और परिवारों पर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
जानिए क्या बोला उनका परिवार
अमेरिका से निर्वासित किये गये मुजफ्फरनगर के निवासी दूसरे व्यक्ति देविंदर सिंह के पिता कुलबीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा 2 महीने पहले अमेरिका गया था। वहां पहुंचने के फौरन बाद उसे पकड़ लिया गया और हिरासत शिविर में रखा गया। कुलबीर सिंह ने खुलासा किया कि उनके परिवार ने देविंदर को विदेश भेजने के लिए एजेंटों को 40 लाख रुपये दिए थे। उन्होंने कहा कि देविंदर अपने परिवार के लिए धन कमाने अमेरिका गया था, लेकिन अब हमारा सारा धन खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश के तीन लोग, जिनमें मुजफ्फरनगर के दो और पीलीभीत का एक व्यक्ति शामिल है, जो अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर पहुंचे थे। कई अन्य लोगों की तरह, तीनों ने अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए खतरनाक मार्ग अपनाया। पूरनपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार त्यागी ने भी गुरप्रीत के आने की पुष्टि की और कहा कि पुलिस ने भविष्य में किसी भी आवश्यकता के लिए उसका रिकॉर्ड रख लिया है। 2023 में शाहरुख खान की फिल्म डंकी की रिलीज के बाद आम बोलचाल में लोकप्रिय हो रहा यह शब्द अवैध आव्रजन को संदर्भित करता है जिसमें कई देशों में गुप्त स्टॉप के माध्यम से सीमाओं को पार करना शामिल है, जो कि ज्यादातर एजेंटों द्वारा सुगम बनाया जाता है। पीली के 24 वर्षीय गुरप्रीत सिंह, रसूलपुर जतन गांव के रक्षित बलियान और मुजफ्फरनगर जिले के मारकपुर गांव के 38 वर्षीय देविंद्र सिंह उन 104 भारतीयों में शामिल हैं जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत निर्वासित किया था।