यूपी के इस जिले को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में प्राधिकरण का बड़ा कदम, सेटेलाइट मैपिंग से होगी हर गली, हर निर्माण की निगरानी

यूपी के इस जिले को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में प्राधिकरण का बड़ा कदम, सेटेलाइट मैपिंग से होगी हर गली, हर निर्माण की निगरानी
यूपी के इस जिले को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में प्राधिकरण का बड़ा कदम, सेटेलाइट मैपिंग से होगी हर गली, हर निर्माण की निगरानी

उत्तर प्रदेश: नोएडा प्राधिकरण ने भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ‘न्यू नोएडा’ के समग्र विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार की जा रही है. मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत अब इस नव प्रस्तावित क्षेत्र की सेटेलाइट मैपिंग करवाई जाएगी, जिससे इस पूरे क्षेत्र की हर गली, हर प्लॉट, और प्रत्येक निर्माण की डिजिटल छवि तैयार हो सकेगी. इससे न केवल योजनाबद्ध विकास को गति मिलेगी, बल्कि अवैध निर्माणों की पहचान और उन पर समय रहते कार्रवाई भी संभव हो सकेगी.

नोएडा प्राधिकरण सेटेलाइट डेटा के आधार पर एक अत्याधुनिक बेसमैप तैयार करा रहा है, जो ‘न्यू नोएडा’ के भौगोलिक, संरचनात्मक और सामाजिक परिदृश्य को पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले आएगा. यह नक्शा क्षेत्र की सड़कों, जल निकासी प्रणाली, हरित पट्टियों, भवनों और अन्य आधारभूत सुविधाओं की सूक्ष्म योजना तैयार करने में मदद करेगा. विशेष बात यह है कि इस तकनीक के माध्यम से यह स्पष्ट रूप से बताया जा सकेगा कि कौन-सा निर्माण मास्टर प्लान से पहले का है और कौन-सा बाद का. इस तरह अब “पुराने निर्माण” की आड़ में अवैध निर्माणों का खेल बंद किया जा सकेगा. ‘दादरी-गाजियाबाद-नोएडा इन्वेस्टमेंट रीजन’ अर्थात न्यू नोएडा, दादरी और खुर्जा के मध्य फैले करीब 80 गांवों की ज़मीन पर विकसित किया जा रहा है. इस क्षेत्र की सामरिक स्थिति, दिल्ली-एनसीआर से निकटता और बेहतर कनेक्टिविटी इसे निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बना रही है.

नोएडा प्राधिकरण की यह योजना 4 फेज़ में पूरी की जाएगी:-

यूपी के इन गांवों में योगी सरकार की नई पहल, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ यह भी पढ़ें: यूपी के इन गांवों में योगी सरकार की नई पहल, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

  • पहला चरण: 3,165 हेक्टेयर, लक्ष्य वर्ष 2027
  • दूसरा चरण: 3,798 हेक्टेयर, लक्ष्य वर्ष 2032
  • तीसरा चरण: 5,908 हेक्टेयर, लक्ष्य वर्ष 2037
  • चौथा चरण: 8,230 हेक्टेयर, लक्ष्य वर्ष 2041

इन सभी चरणों में औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत और आवासीय क्षेत्रों का समावेश किया जाएगा. प्राधिकरण ने इसके लिए ज़मीनी स्तर पर काम शुरू भी कर दिया है. प्राधिकरण ने विकास कार्यों की गति को तेज करने के लिए जोखाबाद और सांवली गांव के समीप, सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अस्थायी कार्यालय खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. इससे अधिकारियों को क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर निगरानी में आसानी होगी. प्राधिकरण लैंड पूलिंग मॉडल अपनाने पर भी विचार कर रहा है, जिसके अंतर्गत किसान अपनी ज़मीन देंगे और बदले में उन्हें विकसित प्लॉट दिए जाएंगे. हालांकि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि किसानों को अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि उन्हें आवंटित की जाने वाली ज़मीन किस ज़ोन के लिए होगी आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक. इस स्थिति में ज़ोनिंग में गड़बड़ी भविष्य में विवाद और असंतोष का कारण बन सकती है.

UP में इस रूट पर बिछेगी नई रेल लाइन, 17,000 करोड़ की मिली हरी झंडी यह भी पढ़ें: UP में इस रूट पर बिछेगी नई रेल लाइन, 17,000 करोड़ की मिली हरी झंडी

न्यू नोएडा की परिकल्पना भले ही यमुना और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र से जुड़ती हो, परंतु इसका संपूर्ण विकास नोएडा प्राधिकरण ही करेगा. इसी को संतुलित करने के लिए प्राधिकरण जल्द ही स्थानीय सांसदों, विधायकों और किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा, ताकि सहमति के साथ भूमि अधिग्रहण दरें तय की जा सकें. विकास कार्यों की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और ग्रैंड ट्रंक रोड से सटे क्षेत्रों से की जाएगी. यहां पहले से औद्योगिक और संस्थागत ज़ोन चिह्नित हैं. इन क्षेत्रों में अवसंरचना, सड़क नेटवर्क और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके. नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने स्पष्ट किया कि सेटेलाइट बेसमैप से हर गांव, हर गली में हो रहे निर्माण की डिजिटल जानकारी तत्काल उपलब्ध होगी. इससे यह निश्चित किया जा सकेगा कि कहां अवैध प्लॉटिंग हो रही है, कहां पुनर्विकास की जरूरत है और किन इलाकों में तत्काल कार्रवाई अपेक्षित है. अगर यह योजना निश्चित समयसीमा में पूरी होती है, तो अगले दो दशकों में न्यू नोएडा को भारत का सबसे बड़ा, सबसे आधुनिक और सबसे हरित औद्योगिक नगर कहा जा सकता है.

On

About The Author

Shobhit Pandey Picture

शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।