उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा एलीवेटेड रेलवे ट्रैक, 50 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश: यूपी में स्थित कानपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने और यातायात को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. मंधना से अनवरगंज के बीच प्रस्तावित एलीवेटेड रेलवे ट्रैक परियोजना को लेकर अब ठोस प्रगति दिखाई दे रही है. 15 मई को इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए रेलवे द्वारा निविदा (टेंडर) जारी की गई थी, और अब तक आधा दर्जन से अधिक बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों ने इस निर्माण कार्य में रुचि दिखाई है. निविदा की अंतिम तिथि 30 जुलाई निर्धारित की गई है, जिसके बाद निर्माण कार्य की शुरुआत की जाएगी.
शुक्रवार को चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में कुल 47600 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास हुआ. इनमें मेट्रो, पावर प्रोजेक्ट और एलीवेटेड रेलवे ट्रैक जैसी योजनाएं प्रमुख रहीं. इस मौके पर मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे कॉरिडोर पर मुहर लग गई, जिससे परियोजना को औपचारिक स्वीकृति भी मिल गई. इस घोषणा के बाद से रेलवे विभाग के अधिकारियों में नई ऊर्जा और उत्साह देखा जा रहा है. यह परियोजना न सिर्फ यातायात की दिशा में बदलाव लाएगी, बल्कि 50 लाख से अधिक लोगों को रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस एलीवेटेड ट्रैक के निर्मित होने से मंधना से अनवरगंज के मध्य कुल 18 रेलवे क्रॉसिंग समाप्त हो जाएंगी. इससे ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ेगी और सड़कों पर घंटों रुकने वाली एंबुलेंस, स्कूल बसें और आमजन की गाड़ियां बिना बाधा सफर कर सकेंगी.

- संचालन: वर्तमान में इस रूट से हर दिन 55 से अधिक ट्रेनों का आवागमन होता है, जिससे हर 30 मिनट में क्रॉसिंग फाटक बंद हो जाते हैं.
- 15 लाख ट्रेन यूनिट व्हीकल (TUV): प्रतिदिन इतने वाहनों की आवाजाही इन रेलवे क्रॉसिंग से होती है.
- 40,000 से अधिक सरकारी कर्मचारी: रोजाना दक्षिणी भाग से उत्तरी भाग में 50 से अधिक कार्यालयों में कार्य करने के लिए आते-जाते हैं.
- 300 से अधिक एंबुलेंस व निजी वाहन: जो मरीजों को अस्पताल ले जाते हैं, उनके लिए हर मिनट की देरी जानलेवा हो सकती है.
इसके बाद सांसद रमेश अवस्थी, देवेंद्र सिंह भोले और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से संपर्क किया. शीर्ष नेतृत्व की रुचि के कारण परियोजना को आखिरकार गति मिल गई. एलीवेटेड ट्रैक को निर्मित कराने से गुमटी नंबर पांच, 80 फीट रोड, रावतपुर, पी रोड, संत नगर, कल्याणपुर, सरोजनी नगर, फजलगंज, छपेड़ा पुलिया, मंधना, गुरुदेव चौराहा, केशवपुरम सहित शहर के लगभग 24 से अधिक बाजारों को लाभ मिलेगा. इसके अतिरिक्त ग्रामीण इलाकों में रहने वाले उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो प्रतिदिन यात्रा करते हैं. रेलवे मंत्रालय ने इस परियोजना को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. यदि समय के अनुसार कार्य होता है, तो आने वाले 3 सालों में कानपुर के यातायात को एक नई दिशा और शहरवासियों को काफी राहत मिल सकती है.