यूपी के इस रिंग रोड के लिए किसानों को मना रहे अधिकारी, मिलेगा 3 गुना मुआवज़ा
आउटर रिंग रोड के लिए किसानों को मना रहे अधिकारी
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खेती किसानी, आदिवासियों, प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण की कीमत पर सरकार की विकास योजनाएं किसानों को मंजूर नहीं हैं। खेती की जमीन पर ही विकास की योजनाएं लाने वाली नौकरशाही अपने निहित स्वार्थ के लिए खेती किसानी के साथ खिलवाड़ और मनमानी कर रही है।
आउटर रिंग रोड के लिए किसानों को मना रहे अधिकारी
अंग्रेजों की हुकूमत की तरह लोकतांत्रिक सरकार गरीब, आदिवासी, छोटे-बड़े सभी किसानों के साथ मनमानीपूर्वक बर्ताव कर रही है। इस समय जिले में आउटर रिंग रोड के लिए सरकार किसानों की जमीन का जबरिया अधिग्रहण करने पर उतारू है। ऐसा इसलिए कि इस रिंग रोड से प्रभावित किसानों को कह दिया है कि भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वे शुरू होगा। किसानों ने बात रखी, लेकिन सरकार ने नहीं मानी। स्वभाव के विपरीत जिस किसी भी दबाव में किसानों को एक तरह से चेतावनी दे दी है कि भूमि का अधिग्रहण होगा और लंबी चौड़ी सड़क बनेगी। अभी जमीन अधिग्रहण पर दो गुना मुआवजे का प्रावधान है। किसानों/जमीन मालिकों के विरोध के चलते प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाला है, ताकि अधिग्रहण जल्द हो सके। प्रशासन ने पहले जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे सांवेर से शुरू करने का निश्चय किया था। अब इसे देपालपुर से से किय किया जा रहा है। मंगलवार को किसान संघ और किसानों के प्रतिनिधिमंडल से कलेक्टर आशीष सिंह ने भी बातचीत शुरू की है। इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का ड्राफ्ट प्लान प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया है। तीन एक्ट के माध्यम से इसे अमली जामा पहनाया जाएगा। मप्र इनवेस्टमेंट रीजन डेवलपमेंट और मेनेजमेंट एक्ट 2013, मन इनवेस्टमेंट रीजन डेवलपमेंट एंड मेनेजमेंट रूल्स 2016 और लैंड पुलिंग पॉलिसी ऑफ एमपीआईडीसी 2019 के तहत यह पूरी योजना विकसित होगी। कॉरिडोर में कुल 16 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है।
पहली बार किसी स्कीम में मिलेगा 3 गुना मुआवजा
नए आउटर रिंग रोड के लिए पहली बार एनएचएआई और जिला प्रशासन तीन गुना मुआवजा देगा। हालांकि यह प्रस्ताव फिलहाल पश्चिमी हिस्से के लिए है। जमीन अधिग्रहण के लिए बनाए जाने वाले प्रस्ताव में वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन के साथ ही गाइड लाइन से ज्यादा में हुई रजिस्ट्रियों का विश्लेषण कर रेट तय किए जाएंगे। 80 मीटर चौड़ी इस सिक्स लेन सड़क में इंदौर, धार, देवास जिले की जमीन आएगी। इसके बनने से इंदौर के मौजूदा रिंग रोड और बायपास पर ट्रैफिक लोड घटेगा। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत एनएच-52 पर खंडवा (राऊ बायपास टोल नाके के आगे) से शुरू होकर बेटमा, शिप्रा, डबलचौकी, सिमरोल होते हुए खंडवा के पास भरदला गांव तक यह रिंग प्रस्तावित है। कुल 64 गांव में से इसमें 26 गांव पश्चिमी बायपास और 38 पूर्वी बायपास में आते हैं। कुल 1131.10 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाना है। इसमें 41.81 हेक्टेयर जमीन वन भूमि की है। यह कॉरिडोर चार नदियों गंभीर, सरस्वती, शिप्रा और तिन्छा से गुजरेगा। इसके बाद भी जमीन मालिकों के पास आर्बिटेशन (अपील) का विकल्प रहेगा। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक कुल 140 किमी लंबे आउटर रिंग रोड में पश्चिमी हिस्सा 64 किमी का है। इस पर करीब एक हजार करोड़ रूपए खर्च होना है। इसमें चार तहसील में शामिल 31 गांवों की जमीन ली जाना है।